- सहारनपुर से जम्मू रेल यात्रा के अद्भुत अनुभव
- जम्मू से श्रीनगर यात्रा – राजमा चावल, पटनीटॉप, सुरंग, टाइटेनिक प्वाइंट
- श्रीनगर के स्थानीय आकर्षण – चश्मा शाही, परी महल, निशात बाग, शालीमार बाग
- काश्मीर का नगीना डल झील – शिकारे में सैर
- गुलमर्ग – विश्व का सबसे ऊंचा गण्डोला और बर्फ़ में स्कीइंग
- काश्मीर – पहलगाम यात्रा डायरी और वापसी
मित्रों! श्रीनगर स्थानीय भ्रमण के कार्यक्रम में हमने श्री शंकराचार्य पर्वत पर स्थित शिव मंदिर के दर्शन किये, परी महल, चश्मा शाही, निशात बाग और शालीमार बाग भी गये। मार्च का महीना होने के कारण शालीमार बाग और निशात बाग के खूबसूरत फव्वारों को बन्द करके उनमें जमा कीचड़ – मिट्टी – वनस्पति को निकालने का काम चल रहा था ताकि अप्रैल में काश्मीर घाटी का टूरिस्ट सीज़न शुरु हो तो ये फ़व्वारे पूरी आन-बान और शान के साथ पर्यटकों को लुभाने के लिये तैयार मिलें। अब बारी थी डल झील में नौकायन की जिसके लिये मैं कल श्रीनगर आने के बाद से ही व्यग्रतापूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था। डल झील में पर्यटकों को सैर कराने के लिये जिस नाव का उपयोग किया जाता है, उसे शिकारा कहते हैं।
क्या होता है शिकारा?
मिनी इंग्लैंड के नाम से मशहूर रहे हाउस बोट डल झील में खड़े हुए लकड़ी के मकान / होटल हैं जो पर्यटकों को किराये पर दिये जाते हैं। इनमें दो या अधिक बेडरूम, सिटिंग रूम, रसोई, टॉयलेट इत्यादि होते हैं। डोगरा राजाओं ने श्रीनगर में भवन निर्माण की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, तो अंग्रेज़ों ने उस समस्या का हल हाउस बोट के रूप में निकाला था। झील में लकड़ी के पायों के ढांचे पर नाव की शक्ल में, हाउस बोट नाम का मकान / होटल खड़ा किया जाता है। इस हाउसबोट तक पहुंचने के आम तौर पर दो उपाय होते हैं। पहला – पर्यटकों को लाने – ले जाने के लिये, घुमाने के लिये शिकारे का उपयोग किया जाता है। दूसरा – हाउसबोट के पिछले भाग तक अक्सर लकड़ी के फ़ट्टों की सहायता से संकरे पुल / पगडंडियां बना दी जाती हैं। ये पगडंडियां / संकरे पुल भी डल झील के ऊपर ही हैं और अन्ततः किसी सड़क से जुड़ते हैं। हाउस बोट में काम करने वाले स्टाफ खुद भी डल झील के ऊपर बनी हुई लकड़ी की किसी झोंपड़ी में अपने परिवार के साथ रहते हुए मिल जाते हैं।
डल झील के बारे में कुछ रोचक तथ्य
- डल झील काश्मीर और विशेषकर श्रीनगर का प्रमुखतम आकर्षण है और हज़ारों परिवारों की आजीविका का साधन है। इतना ही नहीं, बहुत सारे लोगों के लिये यह जलमार्ग से यातायात का भी माध्यम है। अनेकानेक फिल्मों की शूटिंग भी डल झील में होती रही है और भविष्य में भी होती रहेगी।
- डल झील में जल-वनस्पति की खेती होती है, मछली पकड़ी जाती हैं, हाउस बोट और शिकारे के रूप में पर्यटकों को निवास / यातायात उपलब्ध कराया जाता है।
- डल झील की अधिकतम लंबाई – 7.44 किमी, चौड़ाई 3.5 किमी, अधिकतम गहराई 20 फ़ीट, न्यूनतम गहराई 8 फ़ीट है। झील का क्षेत्रफल 18 से 22 वर्ग किमी आंका जाता है।
- श्रीनगर में Boulevard Road और Frontshore Road का वही महत्व है जो मुंबई में मरीन ड्राइव या शिमला व मसूरी में माल रोड का है।
- डल झील के तट पर चारों ओर Boulevard Road & Frontshore road हैं। निशात बाग, शालीमार बाग, चश्मा शाही, गवर्नर हाउस, इंदिरा गांधी मैमोरियल ट्यूलिप गार्डन इसी Boulevard Road पर हैं। परी महल और शंकराचार्य मंदिर जाने के लिये सड़क भी Boulevard Road से ही आरंभ होती हैं। इसके अलावा बीसियों बड़े – बड़े होटल, शोरूम व सरकारी कार्यालय आदि भी Boulevard Road पर ही हैं। हजरत बल दरगाह भी डल झील के किनारे पर ही बनी हुई है।
- डल झील के लिये जल का स्रोत ज़बरवान पर्वत से आने वाली जलधाराओं के अतिरिक्त अनेकानेक नाले भी हैं। डल झील में जमा होती रहने वाली गंदगी को साफ़ करके उसे उसका पूर्व स्वरूप प्रदान करने के लिये 275 मिलियन डॉलर बजट केन्द्रीय सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है और इस पर कार्य चल रहा है।
तो मित्रों, हमें श्रीनगर में जितना घूमना – फिरना था, हम घूम लिये हैं। अब कल का दिन सबसे खास होने वाला है क्योंकि कल पूरा दिन हम गुलमर्ग में बितायेंगे ! यह हम सब के लिये हमारी श्रीनगर यात्रा का सबसे अधिक रोमांचक दिन रहा है। परसों सुबह हम पहलगाम के लिये प्रस्थान करेंगे।
बहुत सुंदर वर्णन किया है आपने कश्मीर के बारे में। और पिक्चर भी बहुत बहुत सुंदर है।
आपका हार्दिक आभार हेमंत श्रीवास्तव! संभवतः आप पहली बार ही इस ब्लॉग पर आये हैं। आपको ये यात्रा संस्मरण अच्छे लगे, जानकर हार्दिक संतोष हुआ। मैं जो कुछ भी प्रयास करता हूं वह सब आप सब के लिये ही तो होता है। ऐसे में जब आप सब आकर पोस्ट पढ़ते हैं और कमेंट करते हैं तो लगता है कि मेहनत सफ़ल हुई। यदि कहीं कुछ कमी दिखाई दे तो निस्संकोच बता दिया करें ताकि भूल सुधार किया जा सके।
कृपया आगे भी स्नेह बनाये रखें।
बहुत ही खूबसूरत चित्रों के साथ शानदार वर्णन
उत्साहवर्द्धन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद प्रकाश जी! आपका इस ब्लॉग तक आना मेरे लिये बहुत प्रसन्नतादायक है। कृपया स्नेह भाव बनाये रखें।