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महाराष्ट्र में घुमक्कड़ी : कार्ला गुफ़ाएं और एकविरा मंदिर

प्रिय मित्रों,

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के पश्चात्‌ हम अब लोनावला आ पहुंचे हैं! Treebo Trend Five Elements होटल में हमारी दो रातों के लिये बुकिंग पहले से ही थी सो होटल पहुंच कर खाना खाया, गपशप की और सो गये! सुबह उठ कर नाश्ता करने के बाद लोनावला भ्रमण के लिये निकल पड़े हैं और हमारा पहला पड़ाव है – कार्ला गुफ़ाएं और एकविरा मंदिर !

Mumbai Pune Old highway passing through Lonavla, Maharashtra
कार्ला गुफ़ाएं लोनावला में हैं जो मुंबई – पुणे हाइवे व मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर स्थित नगर है! आप रेल मार्ग से भी यहां आ सकते है!

मुंबई और पुणे के बीच में दो हाईवे हैं, एक नया और एक पुराना ! पुराने हाई वे पर मुंबई से पुणे की ओर बढ़ते हुए जब हम लोनावला पहुंचते हैं तो बाईं ओर एकविरा_रोड जाती हुई दिखाई देती है जो दो किमी आगे चल कर एक पहाड़ी पर समाप्त होती है। इस पहाड़ी पर ही कार्ला गुफ़ाएं और एकविरा मंदिर हैं!

एकविरा मंदिर और कार्ल गुफा जाने वाली सड़क मुंबई पुणे हाइवे से लोनावाला में शुरू होती है!
पहाड़ की जड़ में वाहन पार्किंग ! बस, टैम्पो ट्रेवलर व टैक्सी यहीं छोड़नी होती हैं ! हां, बाइक व प्राइवेट कार और आगे जा सकती हैं जिनके लिये एक पार्किंग ऊपर पहाड़ पर अलग से है!

एकविरा मंदिर और कार्ला गुफाओं तक कैसे पहुँचें?

एकविरा मंदिर और कार्ला गुफ़ाएँ लोनावाला रेलवे स्टेशन से 11 किमी, पुणे से 59 किमी और मुंबई से लगभग 107 किमी की दूरी पर हैं! यहाँ रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँच सकते हैं! मुंबई – पुणे के बीच चलने वाली लगभग सभी ट्रेन लोनावाला में रुकती हैं और आप यहाँ से ऑटो रिक्शा या टैक्सी से जा सकते हैं! अगर आप अपनी मोटर साइकिल या प्राइवेट कार से जाना चाहते हैं तो आप एकविरा मंदिर की पार्किंग से भी और आगे लगभग एक डेढ़ किमी पहाड़ी पर उस बिंदु तक जा सकते हैं जहां से सीढ़ियाँ शुरू होती हैं! पार्किंग से आगे सीढ़ियों तक जाने और वापिस आने के लिये हमने 400/- प्रति ऑटो की दर से तीन थ्री व्हीलर किराये पर लिये थे (एक बजाज ऑटो थ्री व्हीलर में अधिकतम ३ सवारी ) !

एकविरा मंदिर / कार्ला गुफाओं तक जाने के लिए कितनी सीढ़ियाँ हैं?

कार्ला गुफ़ा / एकविरा मंदिर तक जाने के लिये लगभग 200 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और ये सीढ़ियाँ पहाड़ी को काट काट कर बनाई गई हैं इसलिए शारीरिक रूप से अशक्त लोगों के लिए सुविधाजनक नहीं हैं! गुफाओं को देखने के लिए टिकट खिड़की ऊपर पहुँच कर ही मिलती है! वैसे इस सीढ़ियों के दोनों ओर अस्थाई / स्थाई निर्माण करके दुकानें खोल ली गयी हैं जिनमें बहुत शानदार और स्वादिष्ट मिल्क केक की दुकानें प्रमुख हैं ! आप भी ये मिल्क केक खाना न भूलें ! मिठाई की दुकानों के अलावा कुछ दुकानें प्रसाद व बच्चों के खिलौने / शो पीस तथा जड़ी – बूटी आदि की भी हैं !

ऑटो व प्राइवेट कार / मोटर साइकिल पार्किंग ! यहां से आगे सीढ़ियों से गुफ़ाओं व मंदिर तक पहुंचना होता है!
लगभग २०० सीढ़ियां चढ़ कर हम एकविरा मंदिर / कार्ला गुफ़ाओं की टिकट खिड़की तक पहुंचते हैं!
इन सीढ़ियों से चढ़ते – उतरते समय आप जन – सुविधाओं का (वाश रूम) उपयोग कर सकते हैं !
चित्र में बाईं ओर कार्ला गुफ़ाएं और सामने एकविरा मंदिर दिखाई दे रहा है!
चित्र में बाईं ओर कार्ला गुफ़ाएं और सामने एकविरा मंदिर दिखाई दे रहा है!
एकविरा मंदिर और चैत्य का प्रवेश द्वार एक दूसरे से बिल्कुल सटे हुए हैं !
कारला गुफा : चैत्य के प्रवेश द्वार से अन्दर आने पर ये बरामदा है जिसमें छत की ऊंचाई तक अनेकों मूर्तियां उत्कीर्णित हैं ! मानव भी और पशु भी !

कार्ला गुफाएं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानि Archeological Survey of India के नियंत्रण में हैं और जब हम 200 सीढ़ी चढ़ कर ऊपर पहुंचे तो सबसे पहले हमें टिकट विंडो मिली! 9 लोगों के 9 टिकट खरीद कर हम आगे बढ़े तो खुद को एक विशाल मैदान में खड़े हुए पाया जिसमें हमारे सामने एकविरा मंदिर और बाईं ओर गुफ़ाएं नज़र आ रही थीं ! सुना है, इस मैदान में नवरात्रों में मेला भरता है! मंदिर के बगल में गुफ़ा नं. 8 (चैत्य यानि prayer hall) है! यानि एकविरा मंदिर चैत्य से बिल्कुल सटा हुआ है!

कार्ला गुफ़ाएँ कितनी पुरानी हैं?

कार्ला गुफ़ाओं के बारे में आकलन है कि ये ईसा पूर्व पांचवी शताब्दी या और भी अधिक पुरानी हैं! महाराष्ट्र में और भी कई स्थानों पर प्राचीन काल में गुफ़ाएं बनाई जाती रही हैं जैसे अजन्ता, एलोरा, एलिफ़ेंटा, कन्हेरी गुफ़ाएं आदि ! ये प्राचीन काल में उपयोग में आने वाले अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मार्ग पर स्थित हैं अतः ये माना जाता है कि ये आज से 2500 वर्ष पहले बौद्ध प्रार्थना केन्द्र और सराय रहे होंगे!

क्या कार्ला गुफ़ाएँ देखने योग्य हैं?

कार्ला गुफ़ा निश्चित रूप से बहुत रोमांचक हैं और अगर आप पुणे के पास हैं या मुंबई – पुणे राजमार्ग (पुराना) से निकल रहे हैं तो आपको निश्चित रूप से कार्ला गुफाओं और एकविरा मंदिर को देखने के लिए समय निकालना चाहिए ! ख़ास तौर पर गुफा क्रमांक 8 में मौजूद चैत्य यानि प्रार्थना कक्ष prayer hall भारत में उपलब्ध जितने भी चैत्य हैं, उनमें सबसे बड़ा और सबसे अच्छी हालत में है! इस चैत्य में दोनों और ऊँचे ऊँचे स्तंभों पर आदमकद मूर्तियाँ आश्चर्य चकित कर देने वाली संरचनाएँ हैं! क्या ये आश्चर्य जनक नहीं है कि चट्टान को काट कर बनाये गये इस प्रार्थना कक्ष की ऊँचाई लगभग 46 मीटर (151 feet) और चौड़ाई 45 meter (147 feet) है? इस चैत्य के अलावा अन्य बहुमंजिला गुफ़ाओं में कमरे बने हुए हैं जहां यात्री रुकते होंगे!

कार्ला की गुफ़ा क्रमांक 8 में यह चैत्य (prayer hall) भारत का सबसे बड़ा चैत्यगृह है जिसमें दोनों ओर विशाल स्तंभ और उनके ऊपर सुन्दर प्रतिमाएं उत्कीर्णित हैं! सामने एक स्तूप जैसी आकृति बनी हुई है! हाल की ऊंचाई लगभग 46 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर है!
बरामदे में छत की पूरी ऊंचाई तक अद्‌भुत कलाकारी देखने को मिल रही है!
चैत्य में दोनों ओर कलात्मक स्तंभ और उन पर बनी हुई मूर्तियां ! इतनी ऊंचाई पर 2500 साल पहले किसने ये मूर्तियां गढ़ी होंगी !!!
स्तंभों पर बनी हुई मूर्तियां ! क्लोज़ अप व्यू ! हाथी पर सवार स्त्री – पुरुष
चैत्य के बगल में अन्य गुफ़ाएं भी देखी जानी चाहियें जो बहुमंजिला हैं और भीतर प्रकाश के लिये चट्टान को काट कर विभिन्न मंजिलों पर खिड़की बनाई गयी हैं !
गुफ़ा के भीतर ऊपर की मंजिल पर जाने के लिये चट्टान को काट कर सीढ़ियां बना दी गयी हैं !
चट्टान काट कर एक पूरा हॉल बनाया गया है जिसमें ऊपर के कमरों तक जाने के लिये सीढ़ियां दिखाई दे रही हैं!
आश्चर्य होता है कि कैसे इस चट्टान को काट – काट कर ये हॉल और इसके ऊपर कमरे और कमरों में मूर्तियां व छोटे – छोटे कक्ष बनाए गये होंगे।

एकविरा देवी का मंदिर

एकविरा देवी को रेणुका देवी का अवतार माना जाता है और महाराष्ट्र में उनकी बहुत अधिक मान्यता है! हज़ारों यात्री अपने घर से एकविरा मंदिर तक पैदल यात्रा करते हुए पहुंचते हैं !
एकविरा मंदिर में प्रवेश के लिये बाहर ये शेड बना हुआ है जिसमें रेलिंग लगा कर भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था है!
चैत्य और मंदिर में प्रवेश के लिये सुरक्षा कर्मी भीड़ को नियंत्रित करते हैं और टिकट चेक करते हैं! चैत्य के प्रवेश द्वार पर अब केवल बायां स्तंभ ही शेष है! दायें स्तंभ के स्थान पर एकविरा मंदिर है!

क्या एकविरा देवी और रेणुका देवी एक ही हैं?

ऐसा माना जाता है कि एकविरा देवी और रेणुका देवी एक ही हैं! महाराष्ट्र में एकविरा देवी की बहुत अधिक मान्यता है और वह आहरी और कोली जाति की कुलदेवी हैं! एकविरा रोड पर जितने भी होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, दुकानें आदि हैं, उन सब के नाम एकविरा देवी के नाम पर ही हैं! मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिये बाहर जो विशाल हॉल है उसमें भारी – भरकम भीड़ को नियंत्रित करने के लिये लोहे की रेलिंग लगा कर खूब सारी गलियां बना दी गई हैं ताकि लोग इन रेलिंग में पंक्तिबद्ध होकर ही आगे बढ़ते रहें और शांति से दर्शन करें! अक्सर लोग माँ के दर्शन के लिए अपने घर से सैंकड़ों किमी दूर पैदल चलते हुए और भजन कीर्तन करते हुए मंदिर तक पहुँचते हैं!

कार्ला गुफाओं और एकविरा देवी मंदिर के अलावा और क्या आकर्षण यहाँ मौजूद हैं?

इस पहाड़ी पर पैराग्लाइडिंग के शौकीन लोग भी पहुंचते हैं! हमने वहां पर पैराग्लाइडिंग होते हुए नहीं देखी इसका कारण ये हो सकता है कि पैराग्लाइडिंग के लिये गुफ़ाओं से और ऊपर पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता होगा!

अगर आप अजन्ता – एलोरा आदि गुफ़ाओं को देख चुके हैं तो भी विशालकाय प्रार्थना कक्ष (चैत्य) कार्ला गुफ़ाओं का सबसे बड़ा आकर्षण है और आपको आमंत्रित करता है! अगर आप मुंबई – पुणे के आस पास हैं तो यहां आना बनता है! पुणे से कार्ला और एकविरा मंदिर की दूरी 65 किमी और नवी मुंबई से लगभग 73 किमी है।

लोनावला में अन्य आकर्षण

अब हम लोनावला के अन्य प्रमुख स्थल देखने के लिये निकल रहे हैं ! लोनावाला और खंडाला अग़ल बग़ल में ही हैं! मानसून के बाद लोनावाला और खंडाला की ख़ूबसूरती देखते ही बनती है! यहाँ वैक्स म्यूजियम और टाइगर प्वाइंट जिसे Tiger Leap कहा जाता है, प्रमुख आकर्षण हैं ! इसके अलावा खंडाला में एक व्यू पॉइंट है जहां खड़े होकर मुंबई – पुणे हाईवे का बड़ा अद्भुत दृश्य दिखाई पड़ता है! पर वह अगली पोस्ट में ! फिलहाल इतना ही ! यदि आपको ये पोस्ट अच्छी और उपयोगी लगी तो कृपया आते रहें और कमेंट के माध्यम से अपने सुझाव भी दे दें !

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