नयना देवी का प्राचीन मंदिर नैनी झील के मल्लीताल वाले तट पर है। नयना देवी नैनीताल की अधिष्ठात्री देवी हैं। प्रातः उठ कर झील के किनारे इस मंदिर में दर्शन करने का सुख अनुभव ही किया जा सकता है, बताया नहीं जा सकता।
घुमक्कड़ी महाकुंभ – पर ये ओरछा है कहां?
झांसी से 16 किमी दूर म.प्र. में टीकमगढ़ में स्थित ओरछा प्रभु राम की पौराणिक, ऐतिहासिक नगरी है और बेतवा नदी के तट पर स्थित है।
घुमक्कड़ों का कुम्भ – ओरछा में पहला दिन
घुमक्कड़ों के ओरछा में महामिलन का आयोजन झांसी रेलवे स्टेशन से आरंभ हो गया और हम चतुर्भुज मंदिर, राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, बेतवा दर्शन, अभयारण्य आदि घूमते फिरते रहे और बतियाते रहे।
घुमक्कड़ों का कुंभ – ’ओरछा मिलन’
प्राचीन किलों और मंदिरों का ऐतिहासिक नगर ओरछा बेतवा नदी के तट पर टीकमगढ़ जिले में है यानि मध्य प्रदेश में है किन्तु झांसी से मात्र 16 किमी दूर है। यह राजा राम की नगरी है और वही यहां के शासक हैं।
दार्जिलिंग भ्रमण
सुबह 3 बजे अलार्म ने हमें जगा दिया और सर्दी के बावजूद हम तैयार होकर टाइगर हिल सूर्योदय के दर्शन हेतु पहुंचे। वापसी में घूम मोनास्ट्री और बतासिया लूप पर आश्चर्य जनक बाज़ार और वार मैमोरियल देखा।
चांद बावड़ी – राजस्थान के दर्शनीय स्थल (Chandbaori Jaipur)
चांद बावड़ी राजस्थान में जयपुर से 90 किमी दूर जयपुर अलवर मार्ग पर दौसा जिले के आभानेरी गांव में हर्षद माता मंदिर के बगल में मौजूद अतुल्य भारत का एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। जहां देश – विदेश के पर्यटक खिंचे चले आते हैं।
होटल सैंट्रल हेरिटेज दार्जिलिंग
1. उत्तर पूर्व की हमारी अद्भुत यात्रा 2. दिल्ली – मिरिक होते हुए दार्जिलिंग 3. दार्जिलिंग भ्रमण 4. दार्जिलिंग से कलिम्पोंग, नामची – चारधाम 5. गंगटोक 6. शिलौंग – चेरापूंजी 7. गुवाहाटी – कामाख्या देवी दर्शन – दिल्ली वापसी अपनी…
दिल्ली एयरपोर्ट – बागडोगरा – मिरिक होते हुए दार्जिलिंग यात्रा
1. उत्तर पूर्व की हमारी अद्भुत यात्रा2. दिल्ली – मिरिक होते हुए दार्जिलिंग3. दार्जिलिंग भ्रमण4. दार्जिलिंग से कलिम्पोंग, नामची – चारधाम5. गंगटोक6. शिलौंग – चेरापूंजी7. गुवाहाटी – कामाख्या देवी दर्शन – दिल्ली वापसी नमस्कार मित्रों, पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा…
जयपुर दर्शन – जन्तर मन्तर
बिना घड़ी, बिना दूरबीन और बिना किसी अन्य आधुनिक यंत्र की सहायता के सूर्योदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, विभिन्न ग्रहों की स्थिति, समय आदि की गणना जंतर मंतर के इन यंत्रों से की जा सकती है।