काठगोदाम रेल टर्मिनस है जहां से नैनीताल हेतु दो मार्ग हैं – सीधे नैनीताल या फिर वाया भीमताल – भुवाली – नैनीताल। काठगोदाम से नैनीताल की दूरी 35 किमी है। यात्रा बहुत सुहावनी होती है।
घुमक्कड़ी महाकुंभ – पर ये ओरछा है कहां?
झांसी से 16 किमी दूर म.प्र. में टीकमगढ़ में स्थित ओरछा प्रभु राम की पौराणिक, ऐतिहासिक नगरी है और बेतवा नदी के तट पर स्थित है।
घुमक्कड़ों का कुंभ – ’ओरछा मिलन’
प्राचीन किलों और मंदिरों का ऐतिहासिक नगर ओरछा बेतवा नदी के तट पर टीकमगढ़ जिले में है यानि मध्य प्रदेश में है किन्तु झांसी से मात्र 16 किमी दूर है। यह राजा राम की नगरी है और वही यहां के शासक हैं।
चांद बावड़ी – राजस्थान के दर्शनीय स्थल (Chandbaori Jaipur)
चांद बावड़ी राजस्थान में जयपुर से 90 किमी दूर जयपुर अलवर मार्ग पर दौसा जिले के आभानेरी गांव में हर्षद माता मंदिर के बगल में मौजूद अतुल्य भारत का एक अद्भुत पर्यटन स्थल है। जहां देश – विदेश के पर्यटक खिंचे चले आते हैं।
दिल्ली एयरपोर्ट – बागडोगरा – मिरिक होते हुए दार्जिलिंग यात्रा
1. उत्तर पूर्व की हमारी अद्भुत यात्रा2. दिल्ली – मिरिक होते हुए दार्जिलिंग3. दार्जिलिंग भ्रमण4. दार्जिलिंग से कलिम्पोंग, नामची – चारधाम5. गंगटोक6. शिलौंग – चेरापूंजी7. गुवाहाटी – कामाख्या देवी दर्शन – दिल्ली वापसी नमस्कार मित्रों, पिछली पोस्ट में आपने पढ़ा…
जयपुर दर्शन – प्रातःकालीन पैदल भ्रमण
आज 29 फरवरी थी, यानि जयपुर प्रवास का हमारा अंतिम दिन ! पिछले दो दिनों में पुराने, यानि गुलाबी जयपुर को ठीक से देखने का अवसर नहीं मिल पाया था। आज जयपुर को विदा कहने से पहले यदि पुराने…
जयपुर दर्शन – नाहरगढ़ दुर्ग
जयपुर के नाहरगढ़ दुर्ग से जयपुर का विहंगम दृश्य रात को बहुत आकर्षक लगता है। नाहरगढ़ दुर्ग के रेस्टोरेंट रात को भी खुलते हैं।
जयपुर दर्शन – अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम
अल्बर्ट म्यूज़ियम का भवन स्वयं में एक भव्य कलाकृति है जिसका निर्माण 1876 में आरंभ होकर 1887 में संपन्न हुआ था। उल्लेखनीय है कि सन् 1876 में इंग्लैंड से प्रिंस एल्बर्ट एडवर्ड के आगमन के अवसर पर महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा इस भवन का निर्माण कराया गया था।