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Solo trip

जयपुर भ्रमण: हवा महल
जयपुर भ्रमण: हवा महल

जयपुर भ्रमण: हवा महल

सिटी पैलेस और हवामहल एक भूमिगत मार्ग से जुड़े हुए हैं जो सिटी पैलेस में रहने वाली रानियों के उपयोग में आता था। हवा महल का प्रवेश द्वार भी सिटी पैलेस के अन्तःपुर की ओर से ही है। सच कहें तो हम सड़क से हवा महल का जो दृश्य देखते हैं वह हवा महल का पृष्ठ भाग है।

इधर नैनी झील – उधर चांदनी चौक !
इधर नैनी झील – उधर चांदनी चौक !

इधर नैनी झील – उधर चांदनी चौक !

यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की  काठगोदाम से भीमताल होते हुए नैनीताल नैनीताल – एक अलसाई हुई सुबह  नैनी झील में बोटिंग  चांदनी चौक रेस्टोरेंट – माल रोड नैनीताल की नैनी झील में आधा घंटा बोटिंग करने के बाद जब मैं…

काठगोदाम – भीमताल – नैनीताल का बाज़ार
काठगोदाम –  भीमताल – नैनीताल का बाज़ार

काठगोदाम – भीमताल – नैनीताल का बाज़ार

यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की  काठगोदाम से भीमताल होते हुए नैनीताल नैनीताल – एक अलसाई हुई सुबह  नैनी झील में बोटिंग, चिड़ियाघर, तल्लीताल, चांदनी चौक काठगोदाम स्टेशन से बाहर आकर जब नैनीताल के लिये शेयर टैक्सी तलाशनी आरंभ की तो…

यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की
यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की

यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की

काठगोदाम रेल टर्मिनस है जहां से नैनीताल हेतु दो मार्ग हैं – सीधे नैनीताल या फिर वाया भीमताल – भुवाली – नैनीताल। काठगोदाम से नैनीताल की दूरी 35 किमी है। यात्रा बहुत सुहावनी होती है।

नैनीताल की एक अलसाई सुबह
नैनीताल की एक अलसाई सुबह

नैनीताल की एक अलसाई सुबह

नयना देवी का प्राचीन मंदिर नैनी झील के मल्लीताल वाले तट पर है। नयना देवी नैनीताल की अधिष्ठात्री देवी हैं। प्रातः उठ कर झील के किनारे इस मंदिर में दर्शन करने का सुख अनुभव ही किया जा सकता है, बताया नहीं जा सकता।

घुमक्कड़ी महाकुंभ – पर ये ओरछा है कहां?
घुमक्कड़ी महाकुंभ – पर ये ओरछा है कहां?

घुमक्कड़ी महाकुंभ – पर ये ओरछा है कहां?

झांसी से 16 किमी दूर म.प्र. में टीकमगढ़ में स्थित ओरछा प्रभु राम की पौराणिक, ऐतिहासिक नगरी है और बेतवा नदी के तट पर स्थित है।

घुमक्कड़ों का कुम्भ – ओरछा में पहला दिन
घुमक्कड़ों का कुम्भ – ओरछा में पहला दिन

घुमक्कड़ों का कुम्भ – ओरछा में पहला दिन

घुमक्कड़ों के ओरछा में महामिलन का आयोजन झांसी रेलवे स्टेशन से आरंभ हो गया और हम चतुर्भुज मंदिर, राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, बेतवा दर्शन, अभयारण्य आदि घूमते फिरते रहे और बतियाते रहे।

जयपुर दर्शन – जन्तर मन्तर
जयपुर दर्शन – जन्तर मन्तर

जयपुर दर्शन – जन्तर मन्तर

बिना घड़ी, बिना दूरबीन और बिना किसी अन्य आधुनिक यंत्र की सहायता के सूर्योदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, विभिन्न ग्रहों की स्थिति, समय आदि की गणना जंतर मंतर के इन यंत्रों से की जा सकती है।

जयपुर दर्शन – प्रातःकालीन पैदल भ्रमण
जयपुर दर्शन – प्रातःकालीन पैदल भ्रमण

जयपुर दर्शन – प्रातःकालीन पैदल भ्रमण

आज 29 फरवरी थी, यानि जयपुर प्रवास का हमारा अंतिम दिन !   पिछले दो दिनों में पुराने, यानि गुलाबी जयपुर को ठीक से देखने का अवसर नहीं मिल पाया था।  आज जयपुर को विदा कहने से पहले यदि पुराने…