प्रिय मित्रों, आपकी सुविधा के लिये मैं यहां मेन्यू कार्ड यानि Table of Contents दे रहा हूं जिससे आपको एक निगाह में पता चल जाये कि यहां क्या – क्या उपलब्ध है! आप जो भी ऑर्डर करना चाहें (यानि पढ़ना…
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सुरकंडा देवी दर्शन
भगवान शिव की पहली पत्नी सती थीं जिन्होंने अपने पिता द्वारा भगवान शिव की अवहेलना और अपमान से क्षुब्ध होकर यज्ञकुंड में ही कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी ! अपनी प्राणों से भी प्रिय पत्नी के मृत शरीर को देख कर शिव जी विक्षिप्त जैसे हो गये और उनके मृत शरीर को उठाये हुए घूमते फिरते रहे और अंततः कैलाश पर्वत जा पहुंचे! पौराणिक कथाओं के अनुसार, खास तौर पर देवी भागवत पुराण के अनुसार जहां – जहां पर भी आकाश से मां सती के शरीर के विभिन्न अंग, वस्त्र और आभूषण गिरे, वह सब स्थान मां के शक्तिपीठ कहलाये ! ऐसे 51 शक्तिपीठ देश में मौजूद हैं! सुरकंडा देवी शक्तिपीठ भी ऐसा ही एक शक्तिपीठ है जहां पर मां सती का सिर गिरा था! यह विश्वेश्वरी दुर्गा सुरकंडा देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है!
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कार से अकेले उत्तराखंड यात्रा : 2
हर दो कदम पर हमारी राह में लाल रंग के फूल बिखरे हुए हैं ! बोले तो – रेड कार्पेट वेल्कम किया जा रहा है! ये लाल रंग के फ़ूल बुरांश के हैं जिसे अंग्रेज़ी में Rhododendron कहते हैं! जब तक ये पेड़ पर रहते हैं, उनकी शोभा में चार चांद लगाते रहते हैं! जब इनकी पंखुड़ियां नीचे सड़क पर बिखरती हैं तो red carpet welcome का दृश्य साकार करने लगती हैं ! यदि आप इन फूलों को एकत्र करके पानी में उबाल लें और चीनी मिला लें तो बुरांश का शर्बत बन जाता है! आप ये concentrate कांच की शीशियों में भर कर रख लेते हैं और dilute करके खुद भी पीते रहते हैं और अपने मेहमानों को भी पिलाते रह सकते हैं!
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कानाताल कैसे पहुंचें?
दिल्ली से आने वाले पर्यटक / घुमक्कड़ हरिद्वार – ऋषिकेश – नरेन्द्र नगर – चम्बा होते हुए कानाताल पहुंचना अत्यन्त सुविधाजनक पायेंगे! दिल्ली से ऋषिकेश तक तो उनको टोल रोड यानि एक्सप्रेस वे मिलेगा और ऋषिकेश से आगे चम्बा तक का पहाड़ी मार्ग भी टनाटन है!
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कार से अकेले उत्तराखंड यात्रा
चंबा से कानाताल कैम्प सिर्फ़ 12 किलोमीटर की दूरी पर ही है! मेरी अब तक कुल यात्रा 300 किमी से अधिक हो चुकी है। चंबा तक आते हुए रास्ते में जहां भी मुझे फ़ोटो लेने लायक दृश्य दिखाई दिये तो मैं बार – बार सड़क के किनारे कार रोकता रहा और फ़ोटो क्लिक करता रहा हूं। इस चक्कर में मुझे अपनी इस यात्रा में आवश्यकता से अधिक समय भी लग रहा है! पर जब घुमक्कड़ी ही यात्रा का उद्देश्य हो तो गति के बजाय आनन्द पर फ़ोकस करना चाहिये! है ना?
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पैसे वसूल एडवेंचर स्पोर्ट : ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग
शिवपुरी से रामझूला तक गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। हमने भी जीवन में पहली बार इस एडवेंचर स्पोर्ट का फुल वैसे वसूल आनन्द लिया।
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इधर नैनी झील – उधर चांदनी चौक !
यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की काठगोदाम से भीमताल होते हुए नैनीताल नैनीताल – एक अलसाई हुई सुबह नैनी झील में बोटिंग चांदनी चौक रेस्टोरेंट – माल रोड नैनीताल की नैनी झील में आधा घंटा बोटिंग करने के बाद जब मैं…
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नैनीताल – नैनी झील में बोटिंग
यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की काठगोदाम से भीमताल होते हुए नैनीताल नैनीताल – एक अलसाई हुई सुबह नैनी झील में बोटिंग, चिड़ियाघर, तल्लीताल, चांदनी चौक पिछले पोस्ट – “नैनीताल की अलसाई एक सुबह” में मैं आपको बता रहा था कि…
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काठगोदाम – भीमताल – नैनीताल का बाज़ार
यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की काठगोदाम से भीमताल होते हुए नैनीताल नैनीताल – एक अलसाई हुई सुबह नैनी झील में बोटिंग, चिड़ियाघर, तल्लीताल, चांदनी चौक काठगोदाम स्टेशन से बाहर आकर जब नैनीताल के लिये शेयर टैक्सी तलाशनी आरंभ की तो…
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यात्रा सहारनपुर से नैनीताल की
काठगोदाम रेल टर्मिनस है जहां से नैनीताल हेतु दो मार्ग हैं – सीधे नैनीताल या फिर वाया भीमताल – भुवाली – नैनीताल। काठगोदाम से नैनीताल की दूरी 35 किमी है। यात्रा बहुत सुहावनी होती है।