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रामोजी फिल्म सिटी टूर – चित्रावली

प्रिय मित्रों, इतना तो मैं आपको बता ही चुका हूं कि रामोजी फिल्म सिटी अपनी किन विशेषताओं के बल बूते पर हैदराबाद का एक आदर्श पर्यटन स्थल बन गयी है। इस पोस्ट को लिखने का मेरा मन्तव्य ये है कि आप सब हैदराबाद और फिल्म सिटी जायें तो अपने फुल पैसे वसूल करके ही लौटें यानि जितनी भी मस्ती कर सकते हैं, कर के आयें, जो जो भी वहां देखने के लिये उपलब्ध है, सब देख सकें। हमारा ये visual tour आपको रामोजी फिल्म सिटी का और अंतरंग परिचय देने के लिये ही है –

टिकट लेकर प्रवेश करते ही देखा कि रामोजी के कुछ कोरियोग्राफ़र बच्चों को डांस सिखा रहे हैं। यानि, जब तक बस आये, खाली क्यों बैठो? 🙂
Shuttle bus service of RFC takes you to the Studio area in much the same way an airlines bus transfers you from terminal to the aircraft.
चलो चलो चलो! बस आ गयी! जैसे एयरपोर्ट टर्मिनल से एयरक्राफ्ट तक ले जाने के लिये एयरलाइंस की बस चलती हैं, ऐसे ही प्रवेश द्वार से अन्दर स्टूडियो तक ले जाने के लिये निःशुल्क शटल बस सर्विस उपलब्ध है।
Here comes Ramoji Film City - a city of dreams
दूर से ही ये रामोजी फिल्म सिटी का ये साइनबोर्ड आपके दिल की धड़कनें बढ़ाने लगता है। ’पर दिल्ली अभी दूर है।’
HOHO (Hop on Hop off) buses conduct the guided tour for the visitors.
शटल बस आपको स्टूडियो क्षेत्र में उतारती है तो वहां से आगे ले जाने के लिये ये HOHO बसें मिल जाती हैं जो आपको guided tour कराती हैं। ऐसी लगभग 70 बसें आपकी सेवा में निःशुल्क उपलब्ध हैं। महंगे टिकट धारकों के लिये ए.सी. बसें अलग उपलब्ध हैं। इस स्थान का नाम Eureka रखा गया है।
रेस्तरां भी ऐसा लगता है मानों कोई किले का प्रवेश द्वार हो। पूरी फिल्म सिटी में संभवतः 100 से भी अधिक रेस्तरां हैं।
हर HOHO बस में एक उद्‌घोषिका माइक लिये रहती है जो रास्ते में दिखाई दे रहे विभिन्न भवनों का हिन्दी / अंग्रेज़ी में परिचय कराती चलती है। बस स्थान – स्थान पर रुकती और चलती रहती है। आप एक बस से उतर कर घूमिये – फिरिये और फिर अगली किसी भी बस में चढ़ जाइये। बस अपने ग्रुप के सदस्यों का खयाल रखिये कि वह कहीं छूट न जायें।
पहला स्टॉप – फंडुस्तान ! ये बच्चों और बच्चे जैसा दिल रखने वाले वयस्कों के लिये मस्ती करने की जगह है।

फ़ंडुस्तान (Fundustan) : ये मुख्यतः बच्चों व बच्चों जैसा दिल रखने वाले वयस्कों के लिये है जिसमें खूब सारे गेम्स, झूले आदि हैं।  हमारी गाइडेड टूर वाली बस सबसे पहले यहीं रुकी थी।  हम यहां लगभग 20-25 मिनट रुके, इधर – उधर का जायज़ा लिया, कुछ चित्र लिये और यह सोच कर कि अभी तो शुरुआत है, अगर यहीं अटके रह गये तो बाकी कुछ भी नहीं देख पायेंगे, हम आगे सरक लिये।  वैसे भी हम तो सीनियर सिटीज़न थे ना?  इतने हाई – फाई झूले और खेल हमारे बस का रोग नहीं!  हां, सांप – सीढ़ी पर खड़े होकर जरूर कुछ फोटो ले लिये थे।  वैसे अगर आप किशोर या युवा वर्ग के हैं तो आपको बता दूं कि यहां पर Dome Show, Snake and Ladder, Dadajinn Fountain, Rain Dance with DJ, Toyland, View Tower of Dadajinn (shoe shaped), Dadajinn Milk Bottle, Toad House, Chocolate Spraying Lady, Musical Chair, Pumpkin, Dadajinn Whirl Top, Bioscope, Musical doll, Adventure Land, Video games, funny rides वगैरा हैं जिनका आप मज़ा ले सकते हैं। Fundustan की हमारी कुछ और फोटो यहां स्लाइड शो के रूप में आप चाहें तो देख सकते हैं ।

भागवतम्‌ टी.वी. शो का अद्‌भुत सैट अभी भी कायम रखा गया है।

भागवतम्‌ टी.वी. शो का भव्य सैट देख कर आंखें चुंधिया जाती हैं।  गैलरी की शुरुआत ही दीवार पर बने हुए विभिन्न पात्रों के आदमकद 3D पोर्ट्रेट्स से होती है।  अन्दर राज्यसभा के दृश्य देख कर तो लगता है कि बस!

यहां से बाहर निकलते ही रेलवे स्टेशन के दर्शन हुए ! ओवरहैड ब्रिज, टिकट खिड़की, पूछताछ काउंटर, प्लेटफ़ार्म, ट्रेन, आर.पी.एफ का थाना, फ़ूड स्टॉल आदि सभी कुछ है। हद तो ये है कि रेल की कोच के बाहर रिज़र्वेशन चार्ट भी चिपका रखे हैं जिनको देख कर लोग अपनी सीट का नंबर पता किया करते हैं।  सुना है कि जा सिमरन, जा ! जी ले तू भी अपनी ज़िन्दगी दृश्य ( दिल वाले दुल्हनियां ले जायेंगे) का क्लाइमेक्स सीन इसी प्लेटफ़ार्म पर फ़िल्माया गया था।

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वहां से हम आगे बढ़े तो एयरपोर्ट आ गया!  स्वाभाविक ही है कि ये एयरपोर्ट भी रेलवे स्टेशन की भांति नकली ही था। फ़िल्म निर्माता अपनी आवश्यकतानुसार जहां – जैसे चाहें, नाम व रंग संयोजना बदल सकते हैं। देखिये तथाकथित एयरपोर्ट के कुछ चित्र ….

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फ़िल्मी दुनिया :

यह मेरे लिये सबसे अधिक आकर्षक क्षेत्र रहा।

Action : इस थियेटर में हमने देखा कि फिल्म की शूटिंग कैसे की जाती है, विभिन्न दृश्य कैसे जोड़े जाते हैं, आवाज़ें कैसे डब की जाती हैं।  इसके लिये उन्होंने पर्यटकों में से ही तीन युवतियों को कलाकार बना डाला और शूटिंग, एडिटिंग, साउंड डबिंग और फ़ाइनल प्रोडक्शन तक का पूरा तरीका जीवन्त रूप में दिखा दिया।   हद्द है यार !  🙂  😉   

यहां हम नाव जैसी शक्ल वाली एक कोच में बैठा दिये गये जिसमें 12 लोग बैठ सकते थे।  एक के पीछे एक ऐसी ही कोच थीं जो ट्रेक पर चल रही थीं।  ये नाव हमें एक अलग ही दुनिया में लेकर गयी।  हमारे दोनों ओर विभिन्न दृश्य, विभिन्न पात्रों की 3D पुतलियां मौजूद थीं।  हर तरफ इतनी जबरदस्त कलाकृतियां थीं कि बस, मैं तो यहां पर फोटो खींचता- खींचता पागल ही हो गया था।  चलती हुई ट्रेन से इतने कम प्रकाश में चित्र लेना बहुत कठिन हो रहा था, पर फ़ोटो ठीक आई या नहीं, घर जाकर देखा जायेगा।  फिलहाल तो बस, खींचते चलो !!!   स्पेस यात्रा : यहां पर हमें एक स्पेशल थियेटर में अपनी अपनी कुर्सी पर जकड़ दिया गया और फिर multi dimensional science fiction वाली 3D मूवी शुरु हुई जो संभवतः 10 मिनट की अवधि की ही रही होगी।  ऐसी मूवी हम अनेकानेक शहरों में देख चुके हैं यहां तक कि सहारनपुर जैसे छोटे शहर में भी।  अतः इसमें हमें कुछ विशिष्ट नहीं लगा। 

फ़िल्मी दुनिया के कुछ चयनित चित्र –

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रामोजी फिल्म सिटी की कहानी अभी भी बाकी है दोस्त ! पर हम उसे अगली किश्त में पूरा करें? आज के लिये इतना ही। आपको अगर ये पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया अपना कमेंट अवश्य दें। बुरी लगे तो भी आपका फ़ीडबैक मेरे लिये आगे सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।

7 thoughts on “रामोजी फिल्म सिटी टूर – चित्रावली

    1. Sushant K Singhal Post author

      आपका हृदय से आभार प्रिय रितेश गुप्ता जी! ऐसे ही स्नेह बनाए रखें!

    1. Sushant K Singhal Post author

      हार्दिक आभार मुकेश जी! अपने वायदे के अनुसार पोस्ट में बहुत सारे परिवर्तन किए हैं जो शायद आपको अच्छे लगेंगे!

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