मित्रों! यदि आप दिल्ली चेन्नई हाइवे क्रमांक 48 (पुराना हाइवे क्रमांक 8) पर दिल्ली से गुड़गांव आते – जाते रहते हैं तो नई दिल्ली एयरपोर्ट के लगभग सामने विपरीत दिशा में आपको शिव जी की विशाल मूर्ति अवश्य दिखाई दी होगी। जब भी मेरी इस सुन्दर सी प्रतिमा पर निगाह जाती है तो मन करता है कि यहां कुछ क्षण रुक कर इस परिसर को अच्छी प्रकार देखा जाये कि यहां और क्या – क्या है।
इस बार 13 अक्तूबर रविवार को हौजखास से गुड़गांव लौटते समय सोचा कि शाम के चार बज रहे हैं, गुड़गांव पहुंचने की कोई हड़बड़ी तो है नहीं, अतः आज शिव मूर्ति के दर्शन निकट से करके ही घर पहुंचूंगा। अतः एयरोसिटी के बाद एक्ज़िट 2 से मैने हाइवे छोड़ कर कार सर्विस रोड पर उतार दी जो शिवाजी मार्ग कहलाती है। हाइवे के साथ – साथ मुश्किल से आधा मिनट की ड्राइव के बाद ही एवेन्यू बोगेनवेलिया तथा “मंगल महादेव मंदिर” मेरे बाईं ओर मौजूद थे। जी हां, पास जाकर जब मंदिर के बाहर लगा हुआ बोर्ड पढ़ा तो उस पर मंदिर का सही नाम – मंगल महादेव मंदिर, रंगपुरी, दिल्ली लिखा हुआ नज़र आया।
मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर सिक्योरिटी गार्ड ने मेरे कैमरे के लिये मुझे टोक दिया कि वीडियो एलाउड नहीं है। जल्दी से दर्शन करके वापिस आइये। कोरोना की वज़ह से भीड़ की परमिशन नहीं है। मैने अनुभव किया कि उस समय भी पूरे परिसर में 100 के लगभग दर्शनार्थी तो होंगे ही। परन्तु 5 एकड़ क्षेत्रफल में फैले परिसर में 100 दर्शनार्थी किसी भी दृष्टि से भीड़ की परिभाषा में नहीं आते।
जूते उतार कर, हाथ पैर धोकर, मैं भगवान शिव की मूर्ति की ओर बढ़ा। मेरे दोनों ओर हरे भरे सुन्दर से लॉन थे और ठीक सामने शिव जी की 85 फीट ऊंची मूर्ति थी। बाईं ओर के लॉन में धनुर्धर भगवान श्री राम और माता जानकी मौजूद थे और मेरे दाईं ओर योगेश्वर श्री कृष्ण और राधा। दाईं और बाईं ओर की इन मूर्तियों की ऊंचाई 25 फीट है। मंगल महादेव की मूर्ति के निकट जाकर ध्यान दिया तो देखा कि मेरे दाईं ओर मां पार्वती, कार्तिकेय और गणपति यानि, अपने दोनों पुत्रों के साथ विराजमान हैं और मेरे बाईं ओर विशाल नन्दी भी मौजूद हैं। इन मूर्तियों का आकार अपेक्षाकृत छोटा होने के कारण दूर से उन पर ध्यान नहीं गया था। हाइवे पर आते – जाते समय भगवान शिव की प्रतिमा ही दूर से दिखाई देती है।
मंगल महादेव मंदिर का निर्माण श्री सरल बसंत बिड़ला द्वारा कराया गया है और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा 10 मार्च 1994 को इस मंदिर को लोकार्पित किया गया था। मंदिर में जन सुविधाएं, पीने के पानी के लिये कूलर, टॉयलेट्स, बेंच आदि की अच्छी व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा मंगल मंजूषा के नाम से प्रसाद व सोविनियर का रिटेल काउंटर भी उपलब्ध कराया गया है। एक सत्संग हॉल भी मौजूद है, परन्तु महामारी के प्रकोप के चलते उसमें कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है अतः आजकल बन्द ही रहता है। जय श्री चैरिटेबिल ट्रस्ट द्वारा इस मंदिर की देखरेख का जिम्मा लिया गया है और यहां की स्वच्छता व प्रबन्धन प्रभावित करते हैं। मंदिर में तुलसी, आम, पीपल और केले के वृक्षों की पंक्तियां मोहित करती हैं।
जब मैं मंदिर के दर्शन करके बाहर अपनी कार की ओर बढ़ा तो मेरे देखते – देखते वहां मंदिर के गेट के सामने डी.टी.सी. की दो बसें सवारियां उतारने के लिये रुकीं। इसका अर्थ ये हुआ कि मंदिर तक आने – जाने के लिये सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी मौजूद हैं।
मंगल महादेव मंदिर : एक नज़र में Mangal Mahadev Temple at a glance
Location : Aerocity Rangpuri, Shivaji Marg, opp. IGI airport, New Delhi (Delhi – Jaipur – Ajmer Highway).
Inauguration : 10 March, 1994 by Sh. Atal Behari Bajpai, the then Prime Minister.
Major Attractions :
- 85’ tall statue of Lord Shiva,
- 25’ tall statues of Lord Krishna and Radha,
- 25’ tall statues of Lord Rama and Sita.
- Also statues of Ma Parvati, Kartikey and Lord Ganesha.
- Shivlingam
- Peepal, Tulsi, Mango and banana trees.
- Well manicured lawns and benches
- Drinking water
- Toilets
- Free car parking for 30 minutes, chargeable thereafter.
- Security with CCTV cameras.
Availability :
- All 7 days of a week.
- 6 a.m. to 10 p.m.
- Souvenir shop and prasad counter.