दोस्तों, आज आपको अपनी दुबई की छः दिवसीय रोमांचक यात्रा की कहानी सुनाने बैठा हूं जो आपका मनोरंजन तो करेगी ही, आपको हमारे अनुभवों का लाभ मिल जाये तथा दुबई के बारे में उपयोगी जानकारी मिल जाये, ऐसी मेरी कोशिश है।
बस यूं ही बन गया दुबई जाने का कार्यक्रम
तो हुआ यूं कि दिसंबर मास में अपने साले साहब से मुलाकात हुई तो नई घुमक्कड़ी कहां की जाये यह चर्चा आरंभ हो गयी। हम लोग उनके साथ एक बार उत्तर पूर्व की यात्रा कर आये हैं जिसमें पश्चिम बंगाल (दार्जिलिंग व कलिम्पोंग), सिक्किम ( नामची व गंगटोक) मेघालय (शिलॉंग व चेरापूंजी) और आसाम (गुवाहाटी) शामिल थे। अगले साल गुजरात यात्रा की है जिसमें अहमदाबाद, दीव, सासनगिर, पोरबंदर, द्वारिका धाम, बेट द्वारिका और राजकोट शामिल रहे। इस बार वह बोले कि फरवरी के पहले हफ्ते में दुबई का प्रोग्राम बन रहा है। बताइये, मूड है क्या? वाह ! नेकी और पूछ पूछ ! हमारे अलावा तीन और परिवारों से सहमति ले कर दुबई यात्रा की तैयारियां शुरु कर दी गयीं। हम दोनों के लिये पासपोर्ट के उपयोग का ये पहला ही अवसर था क्योंकि विदेश यात्रा का कभी अवसर मिला ही नहीं था सो उत्सुकता बहुत थी।
टूर पैकेज : लेना चाहिये अथवा नहीं?
कुछ मिला कर हम 9 व्यक्तियों का दुबई भ्रमण का कार्यक्रम फाइनल होगया जिसमें हमारे परिवार की 5 महिलाएं भी शामिल थीं। हम सारे के सारे सीनियर सिटीज़न हैं सो यह तय पाया गया कि सुकून और आरामतलबी वाली यात्रा की जायेगी यानि पैकेज टूर लेकर घूमेंगे। Rs.58,500/- प्रति व्यक्ति में जो कार्यक्रम तय हुआ वह ये रहा –
दिनांक | कार्यक्रम |
पहला दिन
Day 01 |
नई दिल्ली से स्पाइस जैट की फ्लाइट पकड़ कर दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचना, होटल सिटी मैक्स, बर दुबई में 4 दिन का आरक्षण रहेगा। शाम को Dhow Cruise डिनर।
New Delhi Airport (IGI International Airport Terminal 3 (DEL) to Dubai International Airport (DBX) via Spicejet flight SG-011;Stay for 4 nights at Hotel Citymax, Bur Dubai; |
दूसरा दिन
Day 02 |
दोपहर को दुबई मॉल ले जाये जायेंगे। वहां एक्वेरियम का टिकट और बुर्ज खलीफा का टिकट हमें मिल जायेगा। रात को दुबई मॉल में ही डिनर लेकर होटल वापसी।
Will be escorted to Dubai Mall. Will be given tickets for underground Aquarium and Burj Khalifa; Dinner at Dubai Mall and return to hotel. |
तीसरा दिन
Day 03 |
आधे दिन का दुबई शहर का लोकल टूर जिसमें पाम आइलेंड सहित चार-पांच जगह दिखाई जायेंगी।शाम को डिज़र्ट सफारी के लिये जायेंगे। वहां पर डिनर की व्यवस्था भी रहेगी। Half-day City Tour including a visit to Palm Island. Desert Safari in the evening, dinner and return to hotel. |
चौथा दिन
Day 04 |
आबू धाबी का टूर जिसमें फ़रारी वर्ल्ड, तथा आबू धाबी की विश्व प्रसिद्ध मस्जिद दिखाई जायेगी।वहां से वापिस आकर मैजिकल गार्डन दिखाया जायेगा। वहां से फिर ग्लोबल विलेज जायेंगे। रात को मीना बाज़ार में डिनर के लिये ले जाया जायेगा।Abu Dhabi Tour covering visits to the dry fruits market, Farrari World and the great mosque, Magical garden, Global village and then dinner at Meena Bazar. |
पांचवा दिन
Day 05 |
सुबह को पांच सितारा होटल – लापिता रेज़ॉर्ट्स ऑटोग्राफ कलेक्शन में शिफ्ट कर जायेंगे। वहां दुबई पार्क में शामिल चारों पार्क के टिकट हमें उपलब्ध कराये जायेंगे। दिन भर में इन सभी पार्कों में घूम कर हम डिनर वहीं पर लेंगे और लापिता होटल में ही विश्राम करेंगे। (पार्क से क्या तात्पर्य है, यह समझना हो तो एक नाम याद आता है – जुरासिक पार्क ! कुछ अंदाज़ा होने लगा होगा ना? 😉 )Transfer to the Polynesian 5 star hotel – Lapita Resorts Autograph Collection. Tickets will be given for all 4 parks. Dinner & Night stay at the hotel. |
छटा दिन
Day 06 |
सुबह होटल में नाश्ते के बाद 11 बजे हमें आउटलेट मॉल में ले जाया जायेगा । शाम को हमारी वापसी की फ्लाइट हेतु एयरपोर्ट पर छोड़ दिया जायेगा। स्पाइस जैट की फ्लाइट रात को 11.30 पर पकड़ कर सुबह 4 बजे हम नई दिल्ली एयरपोर्ट पर आ पहुंचेंगे।
After breakfast at the Lapita Hotel, we would be escorted to Outlet Mall. In the evening, we would be dropped at the airport. Return flight at 11.45 p.m. for New Delhi. |
टूर पैकेज लेकर यात्रा करना हमारे लिये बहुत सुविधाजनक रहा। दुबई आने जाने के हवाई टिकट, वीज़ा, होटल बुकिंग, लोकल घूमने फिरने हेतु टैक्सी, गाइड सुविधा, सभी दर्शनीय स्थलों में प्रवेश हेतु टिकट (entry tickets for site seeing), ब्रेकफास्ट और डिनर आदि सब कुछ इस टूर पैकेज में शामिल रहा। हमें कहीं भी कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
करेंसी को लेकर सुझाव
संयुक्त अरब अमीरात की करेंसी दिरहम (उन दिनों AED 1 = INR 19.25) कहां से खरीदी जाये, कितनी खरीदी जाये, भारत से ही ली जाये या दुबई से! अमरीकी डॉलर (उन दिनों USD 1 = INR 71.00) ले जाने सही रहेंगे या दिरहम ही लिये जायें? कुछ भारतीय करेंसी भी साथ में रख लें क्या? ये सब प्रश्न मन में आ रहे थे जिनको लेकर हमारी बड़ी लंबी चर्चाएं हुईं। अंतिम निर्णय यही हुआ कि थोड़े दिरहम, थोड़े अमरीकी डॉलर और भारतीय रुपये तो रख ही लें चाहियें।
क्रेडिट कार्ड बहुत उपयोगी रहा
मुझे मित्रों ने सुझाव दिया था कि साथ में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड (International Debit Card / Credit Card) भी होने चाहियें जो वहां स्वीकार्य हों। अतः मैने अपने बैंक से अपने दोनों कार्ड अन्तर्राष्ट्रीय उपयोग हेतु configure करा लिये। इसका मुझे बहुत लाभ मिला। बाज़ार में, दुबई मैट्रो में, दुबई की टैक्सियों में मैने अपने क्रेडिट कार्ड से बार – बार भुगतान किया और बैंक ने जो विनिमय रेट (foreign exchange conversion rate) लगाया, वह भी बहुत सही था।
दुबई में फोन पर अन्तर्राष्ट्रीय रोमिंग
दूसरा मसला ये था कि फोन पर अन्तर्राष्ट्रीय रोमिंग का इन्तज़ाम कैसे हो? दोस्तों ने कहा कि हर होटल में, हर मॉल में हमें फ़्री वाई-फ़ाई मिल जायेगा सो फ़ेसबुक और व्हाट्सएप चलते रहेंगे। वॉयस कॉल के लिये छोटा मोटा रोमिंग पैकेज ले लिया जाये। उनकी बात मान कर मैने एयरटेल का एक छोटा सा रोमिंग पैकेज ले लिया जो दुबई में काम नहीं कर पाया। व्हाट्सएप से ही एक दूसरे से जितना संपर्क हो सका, सो किया। बाकी समय परेशान रहे।
23 फरवरी को प्रातः 7.30 की फ्लाइट पकड़नी थी सो हम दोनों पहले दिन सहारनपुर से दिल्ली अपने बेटे के यहां पहुंच गये। पर चूंकि एयरपोर्ट के लिये टैक्सी को सुबह 4 बजे इंदिरापुरम बुलाया गया था, अतः हम रात को साले साहब (जिनको सब कनॉट प्लेस की तर्ज पर CP नाम से बुलाते हैं) के घर पर इंदिरापुरम ही पहुंच गये।
रात को मेरी पत्नी नेहा और उनकी भाभी रास्ते के लिये पूरी, सब्ज़ी और करेला बनाने में, अटैचियां और बैग पैक करने में व्यस्त रहीं और न जाने कब सोई होंगी। मैं सोचता विचारता रहा कि अपने कैमरे के बैग में क्या – क्या रखूं। मैं बस वही सामान लेकर जाना चाहता था जिसे कंधे पर ढोते-ढोते मैं अधमरा न हो जाऊं। निर्णय यही लिया कि 18-140 mm. ज़ूम लेंस सहित Nikon dSLR, और एक sports action camera पर्याप्त रहेंगे। एक मिनी ट्रायपॉड भी अपनी अटैची में रख लिया। भगवान की दया से आजकल स्मार्ट फोन भी बहुत अच्छी फोटो और वीडियो दे देते हैं सो मोबाइल तो पास में था ही।
सुबह 4 बजे हम सब टैक्सी की प्रतीक्षा के लिये पूरी तरह सन्नद्ध हो चुके थे। CP ने बाकी सहयात्रियों को शायद 3 बजे से ही जगाना शुरु कर दिया था और साथ ही ’पासपोर्ट रख लेना, वीसा भी रख लेना, आधार कार्ड भी रख लेना’ आदि हिदायतें भी देनी शुरु कर दी थीं। खैर, टैक्सी आई और हम नई दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल नं. 3 पर जा पहुंचे। दो-तीन मिनट के अंतराल पर ही हमारी 9 सवारियां सोती-जागती सी एयरपोर्ट पर आ पहुंचीं।
एक घंटे में हम दुबई प्रस्थान हेतु चेक इन, सिक्योरिटी और एमिग्रेशन की औपचारिकताओं को पूरा करके खूब सारे ट्रेवलेटर को पार करते – करते सुबह 6 बजे के लगभग बोर्डिंग गेट 4A पर जा पहुंचे।
यात्रा शुरु करने की उत्कंठा बहुत थी, निगाहें बार – बार टी.वी. मॉनिटर पर ही जा रही थीं पर वहां हमारी स्पाइस जेट फ्लाइट SG-011 का ज़िक्र तो बहुत नीचे की पंक्ति में था। ऐसे में समय बिताने के लिये क्या किया जाये? अंत्याक्षरी खेल लें? नहीं, नहीं ! ऐसे खेल एयरपोर्ट की संस्कृति के प्रतिकूल हैं! फिर क्या करें? मैं ठहरा जनम जनम का भुक्खड़ सो सुझाव दिया कि चलो, नाश्ता कर लेते हैं! बस, महिलाओं ने अपने – अपने बैग से खाने के डब्बे निकाल कर दस्तरखान सजाना शुरु कर दिया। हमें आज दुबई पहुंच कर नाश्ता और लंच अपने स्तर पर ही करना था, होटल के पैकेज में आज का नाश्ता शामिल नहीं था। सो पूरी सब्ज़ी इतनी रख ली गयी थीं कि सुबह नई दिल्ली एयरपोर्ट और दोपहर को दुबई में लंच – इन दोनों का इंतज़ाम हो जाये। इस चक्कर में, पांचों महिलाओं ने इतना सारा खाना साथ में रख लिया था कि वह अगले दिन दोपहर को लंच के बाद ही समाप्त हो पाया।
व्हाट्स एप ग्रुप बनाना बहुत उपयोगी रहा
यात्रा से एक सप्ताह पहले ही मैने व्हाट्सएप पर दुबई टूर के नाम से एक ग्रुप बना लिया था जिसमें हम 9 यात्री तो शामिल थे ही, हम सब के बेटे – बेटियां – पुत्र वधुओं के अलावा कुछ पोती – पोते भी शामिल थे। हम इन छः दिनों में जो भी फोटो खींचते थे, वह इस ग्रुप में शेयर करते चलते थे और हमारे बच्चे Wow ! Beautiful ! Keep enjoying ! Mind blowing ! वगैरा लिख – लिख कर हमारा उत्साह वर्द्धन करते रहते थे।
उड़ चले हम दुबई के लिये
पूरी हवाई यात्रा के दौरान मैं खिड़की से बाहर ही झांक तांक करता रहा, वीडियो और स्टिल फोटो लेता रहा। नीचे धरती पर कौन सा शहर दिखाई दे रहा है, यह अन्दाज़ा लगाता रहा। दुबई वालों ने चूंकि अपने समुद्र तटों पर कुछ आइलेंड वगैरा बना डाले हैं, अतः दुबई के समुद्र तट को आकाश से देखना एक अलग ही अनुभव रहा।
आ पहुंचे हम सपनों के शहर दुबई में
साढ़े तीन घंटे की निष्कंटक यात्रा के बाद लेंडिंग हुई और हम लोग टर्मिनल में जा पहुंचे। पता चला कि एमिग्रेशन और सामान लेने के लिये दूसरे टर्मिनल पर जाना होगा और उसके लिये passanger mover यानि मैट्रो रेल जैसा जुगाड़ है जिसमें कोई ड्राइवर भी नहीं होता। किराया लगने का तो सवाल ही नहीं क्योंकि ये सुविधा सिर्फ एयरपोर्ट के यात्रियों के लिये ही है।
दुबई में ड्रेस कोड
बड़े टर्मिनल पर पहुंच कर एमिग्रेशन विभाग में पहुंचे तो देखा कि तीस-चालीस काउंटर हैं और हर काउंटर पर झकाझक सफ़ेद कंडोरा (या कंडुरा) और सिर पर स्कार्फ (जिसे शायद घुटराह कहते हैं) पहने हुए पुरुष मौजूद हैं। ये संयुक्त अरब अमीरात की पुरुषों के लिये खूबसूरत राष्ट्रीय पोशाक है जिसके दर्शन हमें एयरपोर्ट से ही शुरु हो गये। मुस्लिम महिलाओं का जहां तक प्रश्न है, उनकी राष्ट्रीय पोशाक काले रंग का खूबसूरत अबाया होती है जिसमें चेहरा हाथ और टखने के नीचे पैर दिखाई देते हैं और बाकी शरीर ढका हुआ रहता है। दुबई में मुस्लिम महिलाएं अपना चेहरा कम ही ढंकती हैं। जिनको ढंकना हो, वह एक अतिरिक्त कपड़ा चेहरे के लिये उपयोग करती हैं।
दुबई और संयुक्त अरब अमीरात की थोड़ी सी जानकारी भी
दुबई के विषय में भी थोड़ी सी जानकारी दे ही दूं। संयुक्त अरब अमीरात में सात राज्य यानि सात अमीरात हैं। उनमें दुबई भी एक अमीरात है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी आबूधाबी है जो दुबई से 140 किमी दूर है। भौगोलिक दृष्टि से आबू धाबी UAE का सबसे बड़ा अमीरात है। संयुक्त अरब अमीरात का 86% क्षेत्रफल आबू धाबी के ही नाम है। 5% भौगोलिक क्षेत्र के साथ दुबई दूसरे नंबर पर आता है पर जनसंख्या के मामले में वह UAE में पहले नंबर पर है। और बाकी सब को बहुत – बहुत पीछे छोड़ देता है। कुछ यूं समझिये कि पूरे UAE में दुबई का क्षेत्रफल मात्र 5% है जबकि आबादी 43% है। दुबई का कुल क्षेत्रफल 3885 वर्ग किमी है और आबादी 42 लाख के करीब है। (वर्ष 2012 में अकेले दिल्ली की ही आबादी 1.2 करोड़ थी।) शारजाह, अजमान, फ़ुजेराह, रस अल-खैमाह, उम अल-कुवैन आदि अन्य अमीरात हैं जो आकार में बहुत छोटे छोटे हैं। हम भारत वासी शारजाह का ज़िक्र क्रिकेट के कारण अक्सर सुनते रहते हैं।
दुबई में एक क्रीक है जिसे आप लगभग 14 किमी लंबी नदी जैसा मान सकते हैं। यह क्रीक दुबई को दो हिस्सों में बांट देती है। एक हिस्सा दियारा कहलाता है और दूसरा बर दुबई। दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट दियारा में है जबकि हम जिस सिटीमैक्स होटल में 4 दिन ठहरे थे, वह बर दुबई में है।
दुबई क्रीक दुबई की मछुआरों की एक गुमनाम सी बस्ती से शुरु कर के विश्व के आधुनिकतम और समृद्ध शहरों की पंक्ति में शामिल होने की अद्भुत यात्रा की साक्षी है। इस क्रीक का सौन्दर्य रात को देखते ही बनता है। दुबई क्रीक के बारे में विस्तृत जानकारी अगली पोस्ट में दी जायेगी। दुबई यात्रा के पहले दिन हमें इसी क्रीक में चलने वाली dhow cruise में डिनर हेतु जाना है।
आज की कहानी बस इतनी ही। अगली किश्त में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे हम होटल में पहुंचे, कैसे हमारी महिलाएं हमें ’बहला – फुसला कर’ पैदल तीन किलोमीटर दूर सर्राफ़ा बाजार (मीना बाज़ार) ले गयीं। दुबई क्रीक में हमारा dhow cruise dinner कैसा रहा?
इस यात्रा में यहां तक साथ निभाने के लिये आप सब का हार्दिक आभार ! आशा है अगली कड़ी के लिये पुनः पधारेंगे। नमस्कार!
इस यात्रा श्रृंखला की कड़ियां इस प्रकार हैं –
दुबई यात्रा – भाग ४ (दुबई आधा दिन का सिटी टूर) (Half Day City Tour of Dubai)
दुबई यात्रा – भाग ५ (दुबई डेज़र्ट सफ़ारी) (Dubai Desert Safari)
दुबई यात्रा – भाग ६ (आबू धाबी – फ़रारी वर्ल्ड, मस्जिद) (Abu Dhabi – Farrari World, The Great Mosque)
दुबई यात्रा – भाग ७ (दुबई मैजिकल गार्डन और ग्लोबल विलेज, मीना बाज़ार में डिनर) (Dubai Magical Garden & Global Village, Dinner at Meena Bazar)
दुबई यात्रा – भाग ८ (लापिता रिज़ॉर्ट्स, दुबई पार्क्स) (Lapita Resorts Autograph Collection, Dubai Parks)
दुबई यात्रा – भाग ९ आउटलेट मॉल, दुबई फ़्रेम, दुबई मेट्रो से दुबई मॉल, दुबई मेट्रो से दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली एयरपोर्ट पर वापसी (Outlet Mall, Dubai Frame, Dubai Metro Ride for Dubai Mall, Dubai Metro ride for Dubai Airport, Return journey to Delhi Airport)
बहुत सुरुचिपूर्ण और जानकारी से भरी पोस्ट है, पहली बार दुबई जाने वालों के लिए विशेष उपयोगी है। अगली कड़ी की प्रतीक्षा है।
प्रिय नयन सिंह जी, आप के स्नेह परिपूरित कमेंट के लिये हार्दिक आभार । कृपया अपना स्नेह बनाये रखें।
Waaw interesting
Thank you very much dear Anurag Pant. Please keep coming and keep motivating me to continue writing.
Best regards,
Lovely crisp narration.. waiting for next part
Thank you very much, dear Rahul Singh for the encouraging words. You have surely motivated me to write further.
Warm regards.
बेहतरीन यात्रा वृतांत. बिल्कुल जिवंत. हम दुबई तो घूम नहीं सकते, बस आपके साथ मानसिक यायावरी कर लेंगे.
प्रिय अंशुमान, आप क्यों नहीं घूम सकते? मैं अगर ये कहूं कि इस आयु में पहाड़ों पर ट्रेकिंग नहीं कर सकता तो फिर भी जायज़ हो सकता है, पर दुबई जैसी जगह घूमने के लिये तो सिर्फ पासपोर्ट और थोड़े से पैसे चाहियें। हम वरिष्ठ नागरिक थे तो हमने कुछ ज्यादा पैसे खर्च करके सुविधाएं प्राप्त कर लीं। वरना कम पैसों में भी घुमक्कड़ी होती है और सच कहूं तो वही मुझे पसन्द भी है।
रेल यात्रा के दौरान भी मुझे ए सी कंपार्टमेंट के बजाय स्लीपर क्लास में ज्यादा मज़ा आता है।
खैर, आपने यहां आकर न सिर्फ मेरी ये पोस्ट पढ़ी बल्कि कमेंट भी लिखा, इसके लिये आपका हार्दिक आभार और स्वागत। जल्द ही अगला अंक लेकर आऊंगा।
वाह सुशांत सर मजा आ गया । वैसे घर का खाना कई गुणा स्वाद हो जाता है जब बाहर जैसे स्टेशन या खेत मे कहीं खाते हैं ।
“संयुक्त अरब अमीरात” बहुत बढ़िया समझाया आपने । दुबई के हवाई फोटो बहुत शानदार आये हैं ।
और आखिर में जो आपने हमें #बहलाने के लिए लाईन लिखी की महिलाएं हमें #बहला फुसलाकर सराफा बाजार ले गई वो बेहद पसंद आई ।
प्रिय संजय भाई, भगवान से बस यही मना रहा हूं कि इस पोस्ट पर हमारी पांचों महिलाओं की नज़र न पड़े वरना तो सज़ा के तौर पर एक बार फिर सर्राफ़ा बाज़ार में ले जा कर खड़ा कर देंगी मुझे। 😉
वैसे आपका इस ब्लॉग पर आना और कमेंट दे कर जाना मेरे लिये बहुत आह्लादकारी है। यूं ही आते रहें और दुनिया को भी लाते रहें। 😉
सस्नेह,
सुशान्त सिंहल
Pingback: दुबई घुमा लाऊं आपको भी? भाग 2 – India Travel Tales
बहुत ही अच्छा लेख सर्, दुबई जाकर भी दुबई के बारे में इतना नहीं जान पाया जितना आज आपके लेख से पता चला.. एक बार फिर से दुबई और आबूधाबी की यादें ताज़ा हाे गईं.. फ़रारी वर्ल्ड के राेलर काेस्टर के मज़े की भी याद आ गई.. मज़ा आ गया लेख पढ़कर सर् 🙏🏻🙏🏻
प्रिय शुभम मिश्रा, आपका मेरे इस यात्रा ब्लॉग पर आगमन मुझे निरन्तर लिखते रहने के लिये प्रेरित कर रहा है। आपका आभार। दुबई जाने से पहले मैने कोशिश की थी कि विकीपीडिया, गूगल मैप्स व विभिन्न यात्रा ब्लॉग से जितना दुबई को समझ सकूं, उतना ही घूमने में और मज़ा आयेगा। अब इस ब्लॉग में भी यही कोशिश कर रहा हूं कि मेरे पाठक यदि दुबई जाना चाहें तो उनको कुछ आयदा भी हो। साथ में थोड़ी हंसी – मज़ाक तो इसलिये जोड़ लेता हूं ताकि ये सब पढ़ना बोझिल न हो जाये।
कृपया आते रहें, पढ़ते रहें, लिखते रहें।
Excellent write-up Sushant ji…. Keep rockingg
Thank you very much Pravesh Ji. I haven’t written anything in last two – three days but I promise to keep writing and completing this series as soon as possible.
Thanks again for visiting this blog and leaving such a motivating comment.
Best regards,
Sushant Singhal
That’s so nice of you, Pravesh Ji. Sorry for delay in approving your comment. Now onward, your comments will be published automatically.
Pingback: दुबई घुमा लाऊं आपको भी? भाग 03 - India Travel Tales
Pingback: हमारी हैदराबाद - महाराष्ट्र तीर्थयात्रा - पहला दिन - India Travel Tales %
बहुत ही शानदार यात्रा व्रतांत ह,अंकल जी चलो हम भी आपके साथ विदेश घूम लेते ह
अगले भाग का इंतजार रहेगा
Pingback: काश्मीर यात्रा - श्रीनगर के बाग, महल और मंदिर के दर्शन - India Travel Tales