जिस साईं बाबा के द्वार चौबीसों घंटे खुले रहे, आज उनकी समाधि देखने हेतु 200/- का टिकट है। जो जीवन भर चिथड़े धारण किये रहे, आज उनकी स्वर्णजटित मूर्ति मंदिर में प्रतिष्ठित है।

जिस साईं बाबा के द्वार चौबीसों घंटे खुले रहे, आज उनकी समाधि देखने हेतु 200/- का टिकट है। जो जीवन भर चिथड़े धारण किये रहे, आज उनकी स्वर्णजटित मूर्ति मंदिर में प्रतिष्ठित है।
शनि शिंगणापुर में घरों में, बैंक में डाकखाने में, दुकानों पर दरवाज़े नहीं होते, चोरी का कोई डर नहीं है। बैंक भी रात भर खुला रहता है। अपराधियों को शनि देव के प्रकोप का भय उनको अपराध करने नहीं देता है।
52 दरवाज़ों के इस शहर में आने का हमारा मुख्य ध्येय घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग Ghrishneshwar Jyotirlingam के दर्शन करना है। पर जब औरंगाबाद आये हैं तो एलोरा की गुफ़ाएं व यहां के अन्य आकर्षण देखे बिना भला कैसे जा सकते हैं!
दोस्तों ! 5 जनवरी 2020 मेरे लिये एक यादगार दिन सिद्ध हुआ। इस दिन मुझे महरौली यानि के दिल्ली के सबसे पुराने नगरों में से एक का अंतरंग परिचय प्राप्त हुआ। इससे पहले मैं महरौली को सिर्फ कुतुब मीनार की…
झांसी से 16 किमी दूर म.प्र. में टीकमगढ़ में स्थित ओरछा प्रभु राम की पौराणिक, ऐतिहासिक नगरी है और बेतवा नदी के तट पर स्थित है।
घुमक्कड़ों के ओरछा में महामिलन का आयोजन झांसी रेलवे स्टेशन से आरंभ हो गया और हम चतुर्भुज मंदिर, राजा राम मंदिर, जहांगीर महल, बेतवा दर्शन, अभयारण्य आदि घूमते फिरते रहे और बतियाते रहे।