हौजखास परिसर में खड़े हुए मंडपों का क्या उपयोग रहा होगा, इसका सिर्फ़ अनुमान लगाया जाता है। जिन खंभों के सहारे गुम्बद टिकाई गयी है, उनकी निर्माण शैली, उपयोग की गयी निर्माण सामग्री गुम्बद से बिल्कुल अलग है जो कई प्रश्नचिह्न खड़े करती है।

हौजखास परिसर में खड़े हुए मंडपों का क्या उपयोग रहा होगा, इसका सिर्फ़ अनुमान लगाया जाता है। जिन खंभों के सहारे गुम्बद टिकाई गयी है, उनकी निर्माण शैली, उपयोग की गयी निर्माण सामग्री गुम्बद से बिल्कुल अलग है जो कई प्रश्नचिह्न खड़े करती है।
लाइट अगर बहुत कम हो तो आंखें फाड़ – फाड़ कर देखने के बावजूद हम अंधेरा अनुभव करते हैं, ठीक से नहीं देख पाते! दूसरी ओर अगर प्रकाश बहुत अधिक तीव्र हो तो आंखें सिकोड़ कर मिचमिचाते रहते हैं। हमारी आंखों को यदि आदर्श मात्रा में प्रकाश मिले, तभी वह सुखी और प्रसन्न रहती हैं। ठीक यही स्थिति कैमरे के साथ भी है।