यदि आप कानाताल कभी नहीं आये हैं, मगर आना चाहेंगे तो बता दूं कि ये चंबा – धनौल्टी – मसूरी मार्ग पर स्थित एक छोटा सा, प्यारा सा हिल स्टेशन है।
ऋषिकेश से चम्बा – 64 km.
चंबा से कानाताल – 13 km.
कानाताल से धनौल्टी – 17 km.
धनौल्टी से मसूरी – 31 km.
मतलब ये कि आप ऋषिकेश / हरिद्वार / टिहरी / श्रीनगर की ओर से आते हैं तो आप चंबा होते हुए कानाताल पहुंचेंगे ! इसके विपरीत, अगर आप देहरादून या मसूरी की ओर से आ रहे हैं तो आप धनोल्टी होते हुए कानाताल पहुंचेंगे।
दिल्ली से आने वाले पर्यटक / घुमक्कड़ हरिद्वार – ऋषिकेश – नरेन्द्र नगर – चम्बा होते हुए कानाताल पहुंचना अत्यन्त सुविधाजनक पायेंगे! दिल्ली से ऋषिकेश तक तो उनको टोल रोड यानि एक्सप्रेस वे मिलेगा और ऋषिकेश से आगे चम्बा तक का पहाड़ी मार्ग भी टनाटन है! ये डबल रोड इतनी काली और शानदार थी कि मुझे लगा कि शायद मैं ही इसका लोकार्पण कर रहा हूं! 😉 इस सड़क पर दो ट्रक भी बड़े आराम से अगल – बगल से गुज़र सकते हैं! हां, चंबा के बाद हमें चम्बा – कानाताल – धनोल्टी – मसूरी रोड पकड़नी होती है जो सिंगिल रोड है और पहाड़ी मार्ग है मगर ये सड़क भी बहुत अच्छी स्थिति में है। हां, सर्दियों में जब बर्फ़ पड़ी हुई हो तो इस सड़क पर वाहनों को आने नहीं दिया जाता है।
समुद्र तल से ऊंचाई
ऋषिकेश : 340 Meter
नरेन्द्र नगर : 1020 Meter
चम्बा : 1524 Meter
कानाताल : 2590 Meter
धनोल्टी : 2286 Meter
मसूरी : 2007 Meter
चंबा, कानाताल और धनौल्टी – ये तीनों जिला टिहरी गढ़वाल में आते हैं। वहीं, मसूरी जिला देहरादून का हिस्सा है। ऋषिकेश से आगे बढ़ते ही पहाड़ी मार्ग आरंभ हो जाता है।
कानाताल में किस लिये आयें?
समुद्र तल से औसतन 2590 meter यानि 8500 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित कानाताल एक शान्त और छोटा सा पर्यटन केन्द्र है जहां आप adventure sports, jungle trail, हिमालय दर्शन, bird watching आदि कर सकते हैं! कुछ भी न करना हो तो भी चलेगा! बस, अपने कैंप के बाहर कुर्सी डाल कर बैठ जाइये! हर मौसम का अपना अलग आनन्द है! जिधर भी देखो, एक अलग ही नज़ारा दिखाई देगा !
यहां से केवल 10 km. दूर यदि धनोल्टी / मसूरी की दिशा में बढ़ें तो सुरकण्डा देवी शक्तिपीठ एक बहुत बड़ा आकर्षण है! यह एक बहुत अच्छा आइडिया हो सकता है कि आप कानाताल में अपना बेस कैंप बनायें और एक दिन धनोल्टी व सुरकण्डा देवी दर्शन को दें और एक दिन मसूरी को ! यदि समय हो तो एक दिन टिहरी बांध को भी दिया जा सकता है।
कानाताल में रुकने के लिये आपको अनेक प्रकार की सुविधाएं मिल जायेंगी – जैसे लक्ज़री कैंप / हट, रिज़ॉर्ट्स, होम स्टे व होटल आदि ! क्लब महिन्द्रा का भव्य रिज़ोर्ट भी मुझे कानाताल में दिखाई दिया! मसूरी के इतना पास होते हुए भी पर्यटकों को कानाताल के अस्तित्व के बारे में कम ही जानकारी है। खुद मुझे भी 2019 तक कानाताल के अस्तित्व की कोई जानकारी नहीं थी और यदि मैं कल से यहां पर टिका हुआ न होता तो अब भी इस स्थान के बारे में अनजान ही रहता!
यहां कानाताल में संभवतः एक ही सड़क है जो टिहरी – चम्बा – मसूरी मार्ग कहलाती है! जो कुछ भी है, वह इस सड़क के या तो दाईं ओर है या बाईं ओर ! यदि आप कानाताल में हैं और मसूरी की ओर मुंह करके खड़े हो जायें तो आप देखेंगे कि आपके दाईं ओर पहाड़ी है और बाईं ओर खाई है! यदि आप सड़क छोड़ दें और पगडंडी पकड़ कर इस पहाड़ी पर चढ़ जायें तो ऊपर एक समतल सा मैदान मिलता है जहां से 360 degree व्यू दिखाई देने लगता है जिसमें हिमाच्छादित हिमालय की चोटियां सबसे प्रमुख आकर्षण हैं! मैं और नटवर लाल भार्गव कल इस पहाड़ पर (केवल 300 मीटर) ऊपर गये भी थे और आज फिर नाश्ता करके हिमालय दर्शन व जंगल ट्रेल हेतु जाने का प्रोग्राम तय किये बैठे हैं!
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