इस श्रंखला की विभिन्न कड़ियां जो उपलब्ध हैं / प्रस्तावित हैं।
हमारी हैदराबाद - महाराष्ट्र तीर्थ यात्रा - पहला दिन
- श्री शैलम में मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन
- हमारी हैदराबाद – महाराष्ट्र यात्रा – चारमीनार की सैर
- हमारी हैदराबाद यात्रा – सालारजंग म्यूज़ियम
- हमारी हैदराबाद यात्रा – बिड़ला मंदिर / हुसैन सागर लेक और होटल वापसी
- हमारी हैदराबाद यात्रा – रामोजी फ़िल्म सिटी -1
- हमारी हैदराबाद यात्रा – रामोजी फ़िल्म सिटी – 2
- हमारी हैदराबाद यात्रा – रामोजी फ़िल्म सिटी – 3 औरंगाबाद हेतु रेल यात्रा
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – औरंगाबाद – घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – औरंगाबाद – बीवी का मकबरा व अन्य दर्शनीय स्थल
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – औरंगाबाद – एलोरा की गुफ़ाएं
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – शनि शिंगणापुर
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – शिरडी में साईं समाधि दर्शन
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – नाशिक – त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – नाशिक – पंचवटी, मुक्तिधाम व अन्य दर्शनीय स्थल
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग दर्शन व लोनावला हेतु प्रस्थान
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – लोनावला व खंडाला, कार्ला गुफ़ाएं, टाइगर प्वाइंट
- हमारी महाराष्ट्र यात्रा – लोनावला से मुम्बई और दिल्ली वापसी हेतु रेल यात्रा!
प्रिय मित्रों,
जैसा कि आप इस श्रंखला की पिछली कड़ियों से जान ही चुके होंगे, हम दिल्ली से पारिवारिक घुमक्कड़ी-कम-तीर्थयात्रा के लिये 18 जनवरी, 2020 को हैदराबाद पहुंचे थे। एयरपोर्ट से बाहर आते ही हमें हमारी तीन दिन के लिये बुक की हुई टेम्पो ट्रैवलर मिनी वैन मिल गयी जो हमें 210 किमी दूर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में श्री शैलम हिल स्टेशन पर लेगयी ताकि हम श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकें। अगले दिन, यानि 19 जनवरी को हम दोपहर को हैदराबाद वापिस आ गये और शाम का समय स्थानीय आकर्षण स्थलों को देखने में व्यतीत किया जिनमें चारमीनार, सालारजंग म्यूज़ियम, बिड़ला मंदिर, हुसैन सागर लेक आदि शामिल थे। इस रात्रि के लिये हमारी बुकिंग लकड़ी का पुल नामक स्थान पर Hotel Wood Bridge Grand में थी। इस होटल में सुबह को नाश्ता करके अब हम रामोजी फिल्म सिटी के टूर के लिये निकल रहे हैं।
रामोजी फिल्म सिटी – कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
विश्व में सबसे बड़े फ़िल्म स्टूडियों के नाते गिनीज़ बुक में अपना नाम लिखा चुका 1666 एकड़ (यानि 80,64,440 वर्ग गज) भूमि पर निर्मित रामोजी फिल्म सिटी स्टूडियो सन् 1996 से ही हैदराबाद की शान बन चुका है। विश्व का सबसे बड़ा और सामर्थ्यवान फिल्म स्टूडियो देने का शुभ विचार तेलुगू के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता रामोजी राव के मन में आया था और उन्होंने इसे मूर्त रूप भी प्रदान किया। सुना है कि इस विशाल भूखंड पर फिल्म स्टूडियो बनाने के लिये एक भी पेड़ काटा नहीं गया था। जहां जो पेड़ था, उसे वैसा का वैसा डिज़ाइन का अंग बना लिया गया।
कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?
हो सकता है कि उत्तर भारत के लोगों को रामोजी फिल्म सिटी नाम अपरिचित सा लगे। पर ऐसा शायद ही कोई इंसान हो जिसने बाहुबली फ़िल्म न देखी हों! अपने भव्य सेट्स के लिये ये फ़िल्में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराही गयी हैं। चूंकि ये फ़िल्में रामोजी फिल्म सिटी में ही फिल्माई गयी थीं इसलिये रामोजी फिल्म स्टूडियो की प्रसिद्धि भी विश्व भर में फैल गयी। लोग खास तौर पर बाहुबली फिल्म की शूटिंग के लिये तैयार किये गये ’महिष्मती साम्राज्य’ देखने के लिये रामोजी फ़िल्म सिटी आने लगे हैं।
विशाल महिष्मती साम्राज्य देखना है तो जल्दी कीजिये!
पर्यटकों में बाहुबली फ़िल्म के सेट देखने की उत्कंठा को देखते हुए अनेक वर्ष तक ये सेट हटाये नहीं गये थे पर अब इनको क्रमिक रूप से हटाया जा रहा है। खास तौर पर इन फ़िल्मों में दिखाये गये युद्ध के दृश्यों और साजो सामान को अब हटाया जा रहा है क्योंकि वह स्टूडियो के बहुत विशाल क्षेत्र को घेर रहे थे। हां महिष्मती साम्राज्य को दर्शाने के लिये जो महल, और राजप्रासाद बनाये गये थे, वह अभी भी मौजूद हैं। यदि आप भी बाहुबली के सेट्स देखना चाहते हैं तो जल्द से जल्द हैदराबाद का कार्यक्रम बना डालें वरना ’अब पछताये क्या होत है, जब चिड़िया चुग गई खेत’ वाली कहावत चरितार्थ हो जायेगी!
क्या आप भी फिल्म या धारावाहिक बनाना चाहते हैं?
जब भारी भरकम निवेश करके रामोजी ने इतना विशाल स्टूडियो परिसर तैयार किया तो उनका प्राथमिक उद्देश्य अपने लिये एक सामर्थ्यवान फिल्म स्टूडियो उपलब्ध कराना रहा होगा जिसमें उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं को उनके जैसे अनेकानेक अन्य फिल्म निर्माता भी किराये पर लेना चाहें। स्वाभाविक ही है कि यहां पर अनेकानेक फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग चलती रहती है।
विवाह से लेकर हनीमून तक – पूरा इंतज़ाम है यहां पर !
उपलब्ध ढांचागत सुविधाओं, यानि infra-structural facilities का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने व अपने निवेश पर आय बढ़ाने के लिये रामोजी फिल्म सिटी को एक अत्यन्त आकर्षक पर्यटन स्थल का भी स्वरूप दिया गया है जिसका परिणाम ये हुआ कि वर्ष भर में कई लाख लोग इस स्टूडियो को देखने के लिये और अपने मनोरंजन के लिये यहां आते हैं। मानों, इतना ही पर्याप्त न हो, उन्होंने यहां उपलब्ध शानदार सुविधाओं को उन लोगों को भी उपलब्ध कराना शुरु कर दिया जो यहां पर विवाह कार्यक्रम आयोजित करना चाहेंगे। सात – आठ होटल भी यहां बनाये गये जो पांच सितारा से लेकर डॉरमिटरी तक की श्रेणी के हैं। कॉरपोरेट इवेंट्स व मीटिंग्स का भी यहां आयोजन किया जाता है।
यदि आप रामोजी फिल्म सिटी देखना चाहते हैं तो निम्न जानकारी आपके लिये बहुत उपयोगी रहेगी –
- किन दिनों में जायें ? : रामोजी फ़िल्म स्टूडियो भ्रमण के लिये सर्दियों का मौसम सबसे बेहतर है। गर्मी में पसीने में लथपथ होकर आउटडोर घूमने में न आप को मज़ा आयेगा, न ही आपके परिवार को / मित्रों को। यदि आपका कार्यक्रम गर्मियों में ही बन सकता है तो चिंता न करें, इस समस्या का भी हल हमारे पास है जो आपको आगे चल कर बताया जायेगा।
- टूर का समय : रामोजी फिल्म सिटी का टूर सुबह 9 बजे आरंभ हो जाता है और देर शाम तक आप वहां पर मस्ती करते रह सकते हैं। कई सारे शो व म्यूज़िकल कार्यक्रम शाम को 5 बजे के बाद ही शुरु होते हैं। अतः अच्छा होगा कि आप पूरा दिन फिल्म सिटी के नाम कर दें।
- ऑनलाइन बुकिंग : टिकट काउंटर पर बहुत लंबी लाइन में न लगना पड़े इसके लिये आप ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं। टिकट खरीद कर आप सुबह कैसे भी कर के 9 बजे से पहले प्रवेश द्वार पर पहुंच जायें। जितना देर करेंगे, उतना ही विभिन्न कार्यक्रमों को ’मिस’ करते चले जायेंगे।
- कैसे पहुंचें? : हैदराबाद शहर से रामोजी फिल्म सिटी की दूरी लगभग 30 किमी है। ट्रैफिक की स्थिति को देखते हुए 1 से 2 घंटे आपको वहां पहुंचने में, और वहां से शहर वापिस आने में लग सकते हैं। वहां तक पहुंचने के लिये आपको बस, टैक्सी, ऑटो आदि मिल सकते हैं। वैसे हम तो वहां पर अपनी चार्टर्ड वैन से गये थे जो हमारे पास तीन दिन के लिये थी। LB Nagar Metro Station से आपको रामोजी फिल्म सिटी जाने के लिये शटल सर्विस भी उपलब्ध है।
- फिल्म सिटी में ही रुकें तो बेहतर : इंडस्ट्री में करोड़ों रुपये पारिश्रमिक लेने वाले सितारों से लेकर कैमरा मैन, लाइट ब्वाय, स्पॉट ब्वाय तक होते हैं जिनका पारिश्रमिक हो सकता है कि 20,000/- महीना ही हो। स्वाभाविक ही है कि रामोजी फ़िल्म सिटी में पांच सितारा होटल (जैसे सितारा होटल) से लेकर सहारा डॉरमिटरी तक यानि हर बजट के होटल मौजूद हैं। सहारा डॉर्मिटरी में कई सारे हॉल हैं जिनमें कुल मिला कर 886 बैड हैं। महिलाओं और पुरुषों के लिये अलग – अलग विंग हैं।
- सबसे अच्छा निर्णय तो ये हो सकता है कि आप रामोजी फिल्म सिटी के अन्दर मौजूद अनेक होटलों में से अपने मतलब का कोई होटल चुन कर रात्रि में वहीं रुकें और सुबह पांच – छः बजे से रात को 1 – 2 बजे तक परिसर में घूमते फिरते रहें। रात को न केवल आपको शूटिंग भी देखने को मिल सकती है, बल्कि अपने मनपसन्द फिल्मी सितारों से भी मुलाकात संभव है। हो सकता है रेस्टोरेंट में आपकी बगल वाली टेबल पर अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, करीना कपूर, सलमान खान या प्रभाष खाना खाते हुए मिल जायें! ज्यादातर शूटिंग रात को ही होती हैं।
- रामोजी फिल्म सिटी टूर का टिकट कितने का है? : सामान्य श्रेणी का टिकट आजकल रु. 1,360/- का (जी.एस.टी. सहित) है और बच्चों के लिये रु. 1,120/- रुपये का टिकट है। इसके अलावा भिन्न – भिन्न सुविधाओं के पैकेज देते हुए अलग – अलग मूल्य के टिकट उपलब्ध हैं। मेरे विचार से सबसे महंगा टिकट रु. 2,771/- का है। (बच्चों के लिये रु. 2,535/-) कोई व्यक्ति बच्चा है या वयस्क है, यह उसकी ऊंचाई से निर्धारित किया जाता है। 33” से 54” तक की ऊंचाई वाले बच्चे ही बच्चे माने जाते हैं। इससे कम वाले फ़्री और इससे अधिक वालों का पूरा टिकट।
रामोजी शटल सर्विस : फिल्म सिटी के टिकट काउंटर यानि प्रवेश द्वार से स्टूडियो परिसर की दूरी काफी अधिक है अतः पर्यटकों को वहां तक ले जाने के लिये निःशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लगभग 15 मिनट में ये बस आपको अन्दर छोड़ देती है। - Guided Tour of Ramoji Film City: रामोजी फिल्म सिटी स्वयं में एक अद्भुत संसार है और वहां जाकर हम एक बार को तो किंकर्तव्यविमूढ़ होकर रह जाते हैं और समझ ही नहीं पाते कि इतने विशाल परिसर में और इतने सारे आकर्षणों में क्या देखें और क्या न देंखें। यह कुछ ऐसा ही है जैसे किसी विवाह में आपके सामने 1,000 – 1200 भांति – भांति के पकवान सजा कर रख दिये जायें और आपसे कहा जाये कि जो – जो भी आपको पसन्द हो, कृपया ग्रहण करें। अब कोई कितना भी पेटू क्यों न हो, खायेगा तो उतना ही, जितना पेट में समायेगा। पर्यटकों की इस स्थिति की कल्पना करते हुए ही यहां पर guided tour का प्रबन्ध किया गया है जिसके लिये अलग से कोई चार्ज नहीं है। लाल रंग की लगभग 70 HoHo बसें यहां हर कहीं आती – जाती घूमती फिरती रहती हैं। HoHo बोले तो Hop On, Hop Off! आप एक बिन्दु से बस में बैठिये और अगले बिन्दु पर उतर जाइये और जितनी देर चाहें घूमते रहिये। जब मन भर जाये तो बाद में आने वाली किसी भी बस में बैठ कर अगले बिन्दु पर उतर जाइये। इस बस में आपको सफ़ेद शर्ट और ब्राउन पैंट पहने हुए एक उद्घोषिका भी मिलेगी जो आपको बताती चलेगी कि आपको कहां – क्या देखना है। आप उस उद्घोषिका को छोड़ कर कुछ भी देखते रह सकते हैं।
- आप इस बस में बैठें या न बैठें, ये आपके ऊपर निर्भर है। हो सकता है कि आप टिकट के साथ आपको दिया गया गाइड मैप हाथ में लेकर खुद ही घूमना – फिरना चाहें। जैसी आपकी इच्छा! एक सुझाव ये अवश्य है कि आप दोपहर का समय, यदि धूप / गर्मी अधिक हो तो वाताकुलित थियेटर में कोई न कोई शो देखने में व्यतीत करें। एक ही परिसर में खूब सारे थियेटर हैं और खूब सारे शो उनमें चलते रहते हैं। उद्घोषणा भी होती रहती है कि किस थियेटर में कौन सा शो शुरु होने जा रहा है। बस, अपने मनपसन्द शो देखने के लिये थियेटर के गेट के सामने लाइन में लगते रहिये। जैसे मंदिरों में रेलिंग लगा कर लोगों को पंक्तिबद्ध होकर आने को कहा जाता है, ऐसा ही यहां भी है। शनिवार, रविवार व छुट्टी के दिनों में भीड़ ज्यादा हो जाती है।
- यह फिल्म सिटी अकेले देखने की चीज़ नहीं है। यहां तो बड्डा परिवार, सुखी परिवार वाला सिद्धान्त लागू होता है। आपका ग्रुप जितना बड़ा होगा, आपको उतना ज्यादा मज़ा आयेगा। हो सके तो पूरी बस के लायक सवारियां लेकर पहुंच जाइये। मुझे विश्वास है कि अगर लालू प्रसाद यादव या मुलायम सिंह यादव यहां आयें तो एक बस के लायक सवारियां तो उनके घर के सदस्यों की ही हो जायेंगी! 😉
- रामोजी फिल्म सिटी की Guided Tour वाली बसें एक निश्चित रूट फ़ॉलो करती हैं और हम लोगों ने अपनी मर्ज़ी से घूमने के बजाय इसी HoHo बस से यात्रा करना पसन्द किया था। करते भी क्या? हम सब वरिष्ठ नागरिक थे, जो जितना घुमा दे, जैसे घुमा दे, उससे ही संतुष्ट हो जाने वाले जीव हैं। अगर हमें पता होता कि रामोजी फिल्म सिटी में अंदर ही कई सारे होटल भी हैं तो मैं तो निश्चय ही अपने ग्रुप को यही सलाह देता कि शहर में किसी होटल में रुकने के बजाय फिल्म सिटी में ही होटल बुक कर लेते हैं। परन्तु हमने पूरी R & D नहीं की थी और इसी वज़ह से हम हैदराबाद में Hotel Wood Bridge Grand में ठहरे। होटल वह भी अच्छा था, पर अगर हम यहां फिल्म सिटी में ठहरते तो क्या पता किसी डायरेक्टर की निगाह हमारे पर पड़ जाती और किसी फिल्म में हमें भी चांस मिल जाता! 😉 😀
- यहां बाहर से खाने – पीने की वस्तुएं लाना एकदम मना है और अगर ऐसी कोई वस्तु आपके पास हो तो वह सिक्योरिटी चेक के दौरान वहीं छोड़ देने के लिये कहा जाता है।
- अब रही बात कैमरे की तो आपके मोबाइल पर तो कोई प्रतिबन्ध है ही नहीं। मैं ठहरा dSLR वाला तो मुझे यह जानकर निहायत संतोष मिला कि यहां कैमरे के लिये अलग से कोई टिकट नहीं लेना पड़ता है। हां, इतना अवश्य है कि कैमरे में ज़ूम लेंस की अधिकतम रेंज 18-55 मिमी ही हो सकती है। इससे अधिक की अनुमति नहीं है। पर अंदर मैने एक व्यक्ति को निकॉन के ब्रिज कैमरे से फोटो लेते हुए भी देखा जिसकी ज़ूम की रेंज बहुत भयानक होती है।
- यहां फिल्म सिटी में आपको स्थान – स्थान पर रेस्टोरेंट, वाशरूम, पीने का पानी मिल जायेगा। रेस्टोरेंट भी अलग – अलग मूल्य वर्ग के हैं। कुछ चलते – फिरते रेस्तरां भी हैं जिनमें कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, फ़्लेवर्ड मिल्क आदि उपलब्ध था।
- यदि रामोजी फिल्म सिटी में घूमते हुए आपको कहीं पर अस्पताल, वाश रूम, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, पुलिस स्टेशन, डाकघर या पेट्रोल पंप वगैरा मिले तो यह जान लीजिये कि वह सब नकली ही होंगे। वैसे वाशरूम असली भी हो सकते हैं। आप रेलवे स्टेशन पर जाइये, ट्रेन में चढ़िये पर ये ट्रेन जाती कहीं नहीं है। सब नकली जुगाड़ है जो बिल्कुल असली जैसा ही है। प्लेटफ़ार्म पर कहीं मथुरा तो कहीं भवानी मंडी तो कहीं सवाई माधोपुर लिखा हुआ देख कर ये न सोचें कि ये लोग पागल हो गये हैं। फ़िल्म की कहानी के अनुसार जैसी जरूरत हो, वही नाम पेंट से लिख दिये जाते हैं। प्लेटफ़ार्म पर भीड़ दिखानी हो तो हो सकता है कि आपको भी कैमरे के सामने भीड़ में शामिल होने का मौका दे दिया जाये।
इतना जान लेने के बाद आइये अब चलते हैं, फ़िल्म सिटी के टूर पर…. पर रुकिये! आज की ये पोस्ट पहले ही काफ़ी बड़ी हो चुकी है। क्या ये अच्छा नहीं होगा कि हम अब असली यात्रा अगली पोस्ट से आरंभ करें?
तो फिर यही तय रहा! कल की हसीं मुलाकात के लिये, आ आ आज रात के लिये, हम तुम जुदा हो जाते हैं, अच्छा चलो सो जाते हैं !
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